नई दिल्ली, 25 फरवरी (जनसमा)। लोकसभा में गुरूवार को रेल बजट प्रस्तुत करते हुए रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने भावी क्षमता निर्माण और विकास के कामों के लिए निम्न घोषणाएं कीं :
- पारदर्शिता- सरकार द्वारा रेलवे में 2015-16 से ‘ऑनलाइन भर्ती’ शुरू की गई है। अब सभी पदों के लिए इस प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। पारदर्शिता लाने के लिए ‘सोशल मीडिया’ को एक उपकरण के रूप में प्रयोग किया जाएगा। निर्माण कार्यों की खरीद सहित सभी प्रकार की खरीद ई-प्लेटफॉर्म पर की जाएगी। निविदा इलेक्ट्रॉनिकली आबंटित करने की प्रक्रिया का परीक्षण सफल होने पर 2016-17 में अखिल भारतीय आधार पर शुरू किया जाएगा।
- गवर्नेंस- शक्तियों के प्रत्यायोजन से परियोजना स्वीकृति करने का समय घटकर 6-8 माह तक आ गया है, जिसमें पहले 2 वर्ष लगते थे। महाप्रबंधकों और मंडल रेल प्रबंधकों के निष्पादन का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान करना, कुछ ज़ोनों के साथ हस्ताक्षरित कार्य निष्पादन से संबंधित समझौता ज्ञापन को सभी ज़ोनों पर अपनाना।
- आंतरिक ऑडिट उपाय- कमियों का पता लगाने और वेस्टेज रोकने के लिए कुछ क्षेत्रों में रेल परिचालन की जांच का कार्य विशेषज्ञता टीमों को सौंपना। 31 मार्च 2016 तक प्रत्येक ज़ोन 2 रिपोर्ट तैयार करेगा।
- साझेदारी- राज्य सरकारों के साथ संयुक्त उद्यम के लिए मंत्रिमंडल का अनुमोदन, 17 ने सहमति प्रदान कर दी है और राज्य सरकारों के साथ 6 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। बजट दस्तावेजों में 44 नई साझेदारियों के कार्यों का उल्लेख किया गया है, जिसमें लगभग 5,300 किमी कवर होगा और जो 92,714 करोड़ रुपए मूल्य की हैं।