नई दिल्ली, 18 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी पर आधारित 10वें सत्र की अध्यक्षता की। यह बहुपक्षीय मंच है। इसे ‘प्रगति’- यानी प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लिमेंटेशन (बेहद सक्रिय शासन और समयबद्ध क्रियान्वयन) नाम दिया गया है।
फोटोः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रगति के माध्यम से बातचीत की अध्यक्षता करते हुए।
प्रधानमंत्री ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से संबंधित जनता की शिकायतों की समीक्षा के बाद सभी संबद्ध अधिकारियों को इन्हें दूर करने के लिए तेजी से काम करने के निर्देश दिए।
इस समीक्षा बैठक में आज प्रधानमंत्री ने सड़क, रेलवे, कोयला, ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों से जुड़े महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे संबंधी परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। ये परियोजनाएं मिजोरम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, चंडीगढ़ और दिल्ली जैसे कई राज्यों में फैली हैं।
उत्तराखंड में चारधाम सड़क संपर्क में सुधार संबंधी परियोजना की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री ने इसे तेजी से पूरा करने की जरूरत पर जोर दिया।
नरेन्द्र मोदी ने रेलवे स्टेशनों से जुड़ी व्यापक पुनर्विकास परियोजनाओं के बारे में भी जमीनी सच्चाई के बारे में पूछा। उन्होंने प्रत्येक राज्य में कम से कम ऐसी परियोजना के बारे में किये जाने वाले कार्यों के बारे में सभी मुख्य सचिवों को सुझाव दिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे रेलवे स्टेशन आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र और अनोखे ढांचे बनेंगे।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय फैशन टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट के सभी परिसरों को उन्नत बनाने संबंधी योजनाओं की समीक्षा करते हुए सरकारी संगठनों, केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों और आयुध फैक्टरियों में सौर ऊर्जा परियोजनाओं से जोड़ने के ग्रिड की स्थापना की भी समीक्षा की। उन्होंने सभी मुख्य सचिवों से इन राज्यों में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन की दिशा में कार्य करने के लिए भी कहा।
प्रधानमंत्री ने कालाजार के उन्मूलन के कार्यक्रम की समीक्षा करने के बाद इस बीमारी को बहुत तेजी से खत्म करने के लिए सभी प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने मिशन इन्द्रधनुष की भी समीक्षा की और निर्धारित समय सीमा में सभी बच्चों को टीकाकरण के दायरे में लाने के लिए संगठित और असरदार कार्य योजना की जरूरत पर भी जोर दिया।
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