उज्जैन, 13 मई | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने शुक्रवार को साधु-संतों के साथ अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने राम मंदिर के लिए शिलापूजन से लेकर अन्य कार्यो का जिक्र करते हुए कहा कि ‘संपूर्ण देश की रोजी-रोटी का रास्ता भी राम मंदिर के दरवाजे से होकर जाता है।’
मध्यप्रदेश के उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ के दौरान आयोजित ‘विचार महाकुंभ’ में भाग लेने आए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक भागवत ने रंजीत हनुमान क्षेत्र में काष्र्णि आश्रम में शंकराचार्य, महामंडलेश्वरों और अन्य संतों के साथ विचार-विमर्श किया। इस दौरान मुख्य रूप से राम मंदिर के निर्माण पर चर्चा हुई।
फाइल फोटो: मोहन भागवत (आइएएनएस)
संतों के साथ हुई बैठक में भागवत ने मंदिर निर्माण की प्रतिबद्धता दोहराई। साथ ही राम मंदिर निर्माण की दिशा में अब तक चले प्रयासों का जिक्र किया। उन्होंने राम मंदिर निर्माण को देश व समाज के हित में बताते हुए कहा कि संपूर्ण देश की रोजी-रोटी का रास्ता भी राम मंदिर के दरवाजे से होकर जाता है।
संत-समागम में मौजूद चिदानंद स्वामी ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि सब की इच्छा है कि राम मंदिर बनना चाहिए, मगर एक बात आई है कि मंदिर तनाव से नहीं, बल्कि सबको मिलकर इस बात की प्रतीक्षा करना चाहिए, संविधान में ही सबका समाधान निहित है।
साध्वी ऋतंभरा सहित अन्य संतों ने भी इस बात की पुष्टि की कि संतों के साथ हुई बैठक में राम मंदिर की चर्चा हुई, मगर तारीख तय नहीं हुई है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने संवाददाताओं से कहा कि सबने अपनी इच्छा प्रकट की है और संघ भी चाहता है कि राम मंदिर बने।–आईएएनएस
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