रायपुर, 22 जुलाई (जस)। छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि गौवंश को बचाने और बढ़ाने के लिए जनजागरण जरूरी है। इसके लिए हर गांव और हर घर को गौवंश संऱक्षण केन्द्र बनाना होगा। अग्रवाल गुरूवार को राजधानी रायपुर के नजदीक रावतपुरा सरकार आश्रम में आयोजित गौशालाओं के संचालकों, गौपालकों और गौसेवकों की एक दिवसीय कार्यशाला के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गौशालाओं के संचालन, प्रबंधन तथा गौवंश को बचाने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। इनके आशातीत परिणाम भी सामने आए रहे हैं।
कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश के सभी 27 जिलों में बीमार पशुओं के इलाज के लिए एबुलेंस की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है। सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले पशुओं के उचित इलाज के लिए रेस्क्यू यूनिट शुरू करने की कार्रवाई तेजी से चल रही है। उन्होनें बताया कि पशु तस्करी रोकने के लिए बनाए गए कठोर कानून के कारण पशु तस्करी के मामले पहले की तुलना में मात्र दस प्रतिशत रह गए हैं। प्रदेश के समस्त विकासखण्डों में एक बड़ी गौशाला खोलने का कार्य प्रगति पर है। चालीस विकासखण्ड के गौशाालाओं के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। उन्होंने बताया इन गौशालाओं के संचालन की जिम्मेदारी समाजसेवी संस्थाओं की दी जाएगी। प्रदेश में मिलने वाले मंडी शुल्क की दस प्रतिशत राशि गौसेवा आयोग को उपलब्ध करायी जा रही है।
अग्रवाल ने पशुचारे की कमी पर चर्चा करते हुए कहा कि पशुओं के लिए धान का पैरा सबसे सस्ता और अच्छा चारा होता है परन्तु आधुनिक तरीके से खेती करने के कारण आज पैरे की कमी होती जा रही है। पशु चारे की समस्या को देखते हुए किसानों से पैरा खरीदने पर विचार किया जा सकता है। गायों के गोबर से जैविक खाद और गौमूत्र से औषधि बनाने के लिए संयंत्र लगाने में आने वाली लागत का पचास प्रतिशत तक छूट देने की योजना बनाने की कोशिश की जाएगी।
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