वाशिंगटन, 12 अक्टूबर | अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने सभी लड़कियों से आग्रह किया है कि उन्हें शिक्षा हासिल करने पर ध्यान देना चाहिए और नाकामी से डरना नहीं चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वे एक-दूसरे की मदद के लिए जो कुछ कर सकती हैं, उन्हें करना चाहिए। मिशेल ने लड़कियों के कार्यक्रम ‘लेट गर्ल्स लर्न’ के लिए एक नए निजी निधि की घोषणा की। मिशेल मंगलवार को ‘वाशिंगटन म्यूजियम’ में आयोजित किशोरियों के साथ बातचीत के कार्यक्रम में भाग ले रही थीं। इस कार्यक्रम की समन्वयक की भूमिका में ‘ग्लैमर’ पत्रिका थी।
उन्होंने कहा, “हमारे पास सभी प्रौद्योगिकी है, सभी साधन हैं। इनका खुद को शिक्षित करने के लिए इस्तेमाल करें और दुनिया भर की लड़कियों तक पहुंचें। केवल यह स्नैपचैट (मोबाइल पर खास एप से बात करना) नहीं करें कि आप क्या खा रही हैं। उस उपकरण का इस्तेमाल ज्ञान देने के लिए, अपनी बुद्धिमत्ता साझा करने के लिए, अपनी कहानी साझा करने के लिए और दुनिया में फैलाने के लिए करें।”
फाइल फोटो : आईएएनएस
समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, प्रथम महिला ने लड़कियों की शिक्षा के मूल्य को अमेरिका जैसे धनी देश में कम करके आंकने के खिलाफ चेतावनी दी। ऐसा इस वजह से कि दुनिया के बहुत सारे हिस्सों में लड़कियां अपना जीवन तक देने को तैयार हैं, वे शिक्षा पाने की कोशिश में एक तरह से मर रही हैं और हम लोगों में से बहुत सारी इसके महत्व को नहीं समझतीं।
मिशेल ने कहा, “इसके परिणाम स्वरूप कई जगहों पर महिलाओं के लिए जीवन इतना आसान कभी नहीं रहा, जितना पुरुषों के लिए है। लेकिन उम्मीद है कि भाविष्य की उम्मीद लड़कियों पर निर्भर है।”
उन्होंने कहा, “आप सब उनमें से एक हैं, जो उस संस्कृति को बदलने जा रही हैं। क्योंकि शिक्षा क्यों जरूसी है इस बारे में एक अलग समझ के साथ अपनी लड़कियों को जागृत बनाने जा रही हैं।”
इस तरह से राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी ने अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का निर्णय लिया और ह्वाइट हाउस ने इस अवसर का इस्तेमाल इसकी घोषणा करने के लिए किया कि ‘लेट गर्ल्स लर्न’ ने निजी क्षेत्र से 50 लाख डॉलर के उपकरण जुटाए हैं।
‘लेट गर्ल्स लर्न’ की शुरुआत वर्ष 2015 में बच्चियों और किशोरियों को शिक्षा पाने में जो अवरोध हैं, उन्हें खत्म करने के मकसद से किया गया था। ये बाधाएं पढ़ाई पर खर्च से लेकर अपहरण हो जाने का डर या स्कूल में उनका उत्पीड़न होने का डर शामिल है।
ह्वाइट हाउस के अनुसार, दुनिया में लगभग 6.2 करोड़ लड़कियां स्कूल से वंचित हैं। अशिक्षा की वजह से उन्हें एड्स जैसी बीमारी का शिकार होने का खतरा अधिक रहता है या शादी के लिए मजबूर कर दी जाती हैं और अन्य तरह की हिंसा की शिकार होती हैं।
मिशेल ओबामा ने कहा, “दुनिया भर की 6.2 करोड़ से अधिक लड़कियां हम पर निर्भर हैं कि हम उनकी आवाज बनें और मेरा इरादा उनकी ओर से बोलना जारी रखने का है। ऐसा सिर्फ प्रथम महिला का कार्यकाल समाप्त होने तक नहीं, बल्कि अपने शेष जीवन काल तक।” –आईएएनएस
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