लद्दाख

लद्दाख संबंधित मुद्दों पर संविधान की छठी अनुसूची के तहत चर्चा को तैयार

नई दिल्ली, 27 सितंबर। भारत सरकार लद्दाख के लोगों से संबंधित मुद्दों को देखते हुए देश के संविधान की छठी अनुसूची के तहत उपलब्ध संरक्षण पर चर्चा करने के लिए तैयार है।

यह आश्वासन आज नई दिल्ली में केन्द्र सरकार की ओर से एक प्रतिनिधिमण्डल को दिया गया।

लेह, लद्दाख के लोगों की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल ने 26 सितंबर, 2020 को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की थी। इस प्रतिनिधिमंडल में लद्दाख के पूर्व दिग्गज नेता  थिकसे रिनपोछे (पूर्व सांसद राज्य सभा),  थुप्स्तन छेवांग (पूर्व सांसद लोक सभा) और छेरिंग दोरजे लकरूक (पूर्व मंत्री, जम्मू-कश्मीर) शामिल थे।

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बैठक के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी तथा युवा मामले और खेल राज्य मंत्री किरेन रिजिजू भी उपस्थित रहे।

प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया गया कि भाषा, जनसांख्यिकी, जातीयता, भूमि और नौकरियों से संबंधित सभी मुद्दों पर सकारात्मक रूप से ध्यान दिया जाएगा।

“छठी अनुसूची के तहत संवैधानिक सुरक्षा के लिए पीपुल्स मूवमेंट” के तत्वावधान में लेह और करगिल जिलों के प्रतिनिधियों के एक बड़े लद्दाखी प्रतिनिधिमंडल और गृह मंत्रालय के बीच संवाद लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद, लेह चुनावों के समापन के 15 दिनों के बाद शुरू होगा। इस संबंध में कोई भी निर्णय लेह और करगिल के प्रतिनिधियों के परामर्श से ही लिया जायेगा।

केंद्रीय गृहमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि, भारत सरकार लेह और करगिल के एलएएचडीसी को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है तथा सरकार, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लोगों के हितों की रक्षा करेगी। साथ ही इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सभी विकल्प तलाशे जायेंगे।

प्रतिनिधिमंडल ने आगामी लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद-एलएएचडीसी, लेह चुनावों के बहिष्कार के आह्वान को वापस लेने पर सहमति व्यक्त की और इन चुनावों के सुचारू संचालन के लिए इसे पूर्ण समर्थन देने का वायदा किया।