मुंबई, 11 फरवरी। “इशरत जहां (2004 में गुजरात पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारी गई) लश्कर-ए-तैयबा की सदस्य थी।” सरकारी गवाह बन चुके पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी-डेविड कोलमैन हेडली ने गुरुवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए विशेष टाडा अदालत के समक्ष अपने बयान में यह खुलासा किया।
फाइल फोटोः इशरत जहां (संदीप महाकाल/आईएएनएस)
हेडली ने कहा कि मुंबई की इशरत जहां आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के महिला विंग की आत्मघाती हमलावर थी। हेडली ने टाडा अदालत के विशेष न्यायाधीश जी.ए.सनाप के समक्ष अपने बयान में यह बात कही।
हेडली ने दावा किया कि 2008 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी ने उसे गुजरात में जांच चौकी पर किए गए हमले के बारे में सूचना दी थी।
विशेष अभियोजक उज्जवल निकम के सवालों के जवाब में हेडली ने बताया, “इसमें इशरत जहां नाम की लश्कर-ए-तैयबा की एक महिला आतंकवादी शामिल थी। साजिद मीर से पहले मुजामील भट्ट हमारे समूह के प्रमुख थे।”
15 जून, 2004 में कॉलेज छात्रा इशरत जहां और उसके तीन दोस्त जावेद शेख, जीशान जौहर और अमजद अली राना को अहमदाबाद के बाहरी इलाके में कोटारपुर के पास सड़क पर गोली मार दी गई थी। इस मुठभेड़ में गुजरात के डीआईजी डी.जी. बंजारा ने पुलिस के एक दल की अगुवाई की। डी.जी. बंजारा को बाद में सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ में कथित रूप से शामिल होने के कारण जेल भेजा गया।
पुलिस ने दावा किया कि इशरत जहां और उसके सहयोगी लश्कर के आतंकवादी थे और वे गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रच रहे थे। गौरतलब है कि इसकी जांच के बाद 2009 में खुलासा हुआ कि यह फर्जी मुठभेड़ थी।
Follow @JansamacharNews