चेन्नई/नई दिल्ली, 23 जुलाई | भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के शुक्रवार सुबह लापता विमान एएन-32 की तलाश शनिवार को भी जारी रही। इस विमान में 29 लोग सवार थे। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर शनिवार को तमिलनाडु के तांब्रम पहुंचे और भारतीय वायुसेना के एक विमान से उस क्षेत्र का हवाई जायजा लिया, जहां तलाशी व बचाव अभियान जारी है।
आईएएफ अधिकारी का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में अभी तक विमान के मलबे के कोई निशान नहीं मिले हैं।
एएन-32 मालवाहक विमान शुक्रवार को चेन्नई तट के पास बंगाल की खाड़ी के ऊपर लापता हो गया था।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा, “रक्षा मंत्री ने हालात तथा तलाशी व बचाव अभियान में शामिल संसाधनों का जायजा लिया और निर्देश दिया कि जरूरत पड़ने पर और संसाधनों को अभियान में लगाया जाए।”
अधिकारी ने कहा, “मंत्री को उन कठिन हालातों से अवगत कराया गया, जिसके बावजूद बीते 24 घंटों से अभियान जारी है। समुद्र में जोर की लहरें उठ रही हैं और इलाके के ऊपर घने बादल हैं।”
पर्रिकर ने सभी शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे विमान में सवार लोगों के परिजनों के संपर्क में रहें और उन्हें सूचनाएं प्रदान करते रहें।
वायुसेना के जनसंपर्क अधिकारी विंग कमांडर अनुपम बनर्जी ने शनिवार को आईएएनएस को फोन पर बताया, “तलाश जारी है। इस संदर्भ में कोई भी सूचना आती है तो उसके बारे में बताया जाएगा।”
एक तटरक्षक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि तलाशी दल को बंगाल की खाड़ी में किसी भी विमान का मलबा नहीं मिला है।
भारतीय रक्षा बल के एक अनुभवी पायलट ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया कि ‘नो टॉक/रेडियो जोन’ या ‘डेड जोन’ में सिर्फ ‘विनाशकारी परिस्थिति’ से ही कोई विमान अचानक नष्ट हो सकता है।
विमान में चालक दल के छह सदस्य, वायुसेना, सेना, नौसेना और तटरक्षक बल के 15 जवान और जवानों के परिवार के आठ अन्य सदस्य सवार थे।
अधिकारियों ने बताया कि 33 स्क्वाड्रन के एएन-32 विमान ने चेन्नई के तांब्रम वायुसेना स्टेशन से सुबह 8.30 बजे उड़ान भरी थी और इसे पूर्वाह्न् 11.30 बजे अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर पहुंचना था।
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरुप राहा की ओर से रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को दी गई सूचना में कहा गया है कि चेन्नई हवाई यातायात रडार से प्राप्त प्रतिलिपि के मुताबिक विमान को आखिरी बार पूर्वी चेन्नई से 151 समुद्री मील दूर देखा गया था।
लापता विमान के लिए सघन तलाशी व बचाव अभियान शुरू किया गया है, जिसमें विमान, हेलीकॉप्टर, जहाज और पनडुब्बियों को भी लगाया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, विमान से आखिरी संपर्क उड़ान भरने के लगभग 15 से 20 मिनट बाद किया गया।
वायुसेना के मुताबिक, एएन-32 रूस द्वारा निर्मित एक दोहरा इंजन विमान है। इसकी लगभग 6.7 टन भार वहन या 39 पैराट्रपर्स को ले जाने की क्षमता है।
विमान की अधिकतम गति 530 किलोमीटर प्रतिघंटा है।
सेना के एक पायलट ने आईएएनएस से कहा, “विमान की डिजाइन इस तरह की है कि वह आपात अवस्था में भी उड़ान भर सकता है। पायलट को इतना तो समय मिला होगा कि वह मदद के लिए आपात संदेश भेज सके या सुरक्षा की तरफ रुख कर सके।”
पायलट के मुताबिक, सामान्य आपात स्थिति में एएन-32 विमान न तो एक पत्थर की तरह जमीन पर गिरेगा और न ही आसमान में गायब हो जाएगा, क्योंकि पायलट के पास प्रतिक्रिया करने के लिए समय होता है।
उन्होंने कहा, “लेकिन भयावह खतरे के दौरान पायलट को प्रतिक्रिया करने का वक्त नहीं मिलेगा।”
पायलट ने कहा, “आसमान में विमान के किसी भयावह घटना का शिकार होने की बात को खारिज नहीं किया जा सकता।”
–आईएएनएस
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