लोकतंत्र में बहस और चर्चा की जगह है, अवरोध या बाधा की नहीं : राष्ट्रपति

नई दिल्ली, 23 फरवरी। संसद का बजट सत्र राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया है। केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को कहा कि सरकार सीमापार आतंकवाद से लड़ने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाएगी। मुखर्जी ने कहा, “सीमापार आतंकवाद के कारण किसी भी स्थिति से निपटने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। मेरी सरकार देश की सुरक्षा को लेकर किसी भी चुनौती से निपटने के लिए कृतसंकल्प है।”

फोटोः 23 फरवरी, 2016 को संसद के बजट सत्र की शुरुआत से पहले संसद पहुंचते राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू व अन्य गणमान्यजन।

उन्होंने आतंकवाद को वैश्विक खतरा बताते हुए इसे खत्म करने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रभावी कदम उठाने की बात कही। मुखर्जी ने पठानकोट वायुसेना हवाई अड्डे पर हमले से सफलतापूर्वक निपटने पर सुरक्षा बलों को बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहा, “हम उनके ऋणी हैं जो कर्तव्य के पथ पर अपनी निस्वार्थ सेवा और सर्वोच्च बलिदान से हमें प्रेरित करते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि देश के पूर्वोत्तर में खतरों से निपटने में और वामपंथी चरमपंथ से निपटने में सुरक्षा बलों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार सशस्त्र सेवाओं की सभी लड़ाकू भूमिकाओं में महिलाओं की नियुक्ति की मंजूरी देगी। उन्होंने कहा, “शक्ति, महिला ऊर्जा का प्रतीक है। यह शक्ति हमारी ताकत को परिभाषित करती है। मेरी सरकार ने भारतीय वायुसेना में शॉर्ट सर्विस कमिशन ऑफिसर्स और लड़ाकू पायलटों के रूप में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने को मंजूरी दे दी है।”

राष्ट्रपति ने कहा, “मेरी सरकार भविष्य में सशस्त्र सेनाओं की सभी लड़ाकू भूमिकाओं में महिलाओं की नियुक्ति करेगी।”

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि संसद देश की जनता की सर्वोच्च आकांक्षा की प्रतीक है और लोकतंत्र में बहस और चर्चा की जगह है, अवरोध या बाधा की नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार संसद की कार्यवाही सुचारू और रचनात्मक ढंग से चलाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने सभी सांसदों से आग्रह किया कि वे सहयोग और परस्पर सदभाव की भावना से अपने पावन दायित्व का निर्वाह करें।

मुखर्जी ने कहा कि भारत में अब भी दूध का उत्पादन दुनिया में सबसे अधिक है और अंडों का उत्पादन भी सबसे अधिक रहा है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार सबके लिए आवास की व्यवस्था करने के प्रति कटिबद्ध है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार के अभिनव प्रयासों से भारत कारोबार में आसानी की विश्व बैंक की ताजा सूची में बारह पायदान ऊपर आ गया है। उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर बढ़ने से भारत की गिनती विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में होने लगी है।

मेक इन इंडिया कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया में निवेश के प्रतिकूल माहौल के बावजूद इस कार्यक्रम से देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश उनतालीस प्रतिशत बढ़ाने में मदद मिली है।

उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति, राजकोषीय घाटे और चालू खाता घाटे में भी गिरावट आयी है। सदस्यों की करतल ध्वनि के बीच राष्ट्रपति ने कहा कि2015 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार सबसे ऊंचे स्तर पर रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि ग्रामीण विकास सरकार की एक बड़ी प्राथमिकता है।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सौर ऊर्जा तेजी से किफायती हो रही है और यह हजारों लोगों के लिए सुलभ है। मुखर्जी ने कहा, “आज मेरी सरकार के तहत सौर ऊर्जा किफायती है और उसकी पहुंच हजारों लोगों तक है।”

मुखर्जी ने कहा कि सरकार ने 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता बढ़ाकर 175 गीगावाट करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा, “2015 में देश में बिजली का सर्वाधिक उत्पादन हुआ है।”