नई दिल्ली, 08 मार्च (जनसमा)। आज लोकसभा में महिला दिवस के अवसर पर अनेक महिला सांसदों ने चर्चा में भाग लेते हुए महिलाओं के मुद्दों को उठाया और कहा कि महिलाओं ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं किंतु उनके साथ आज भी भेदभाव होता है।
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चर्चा का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि महिलाओं के बारे में समाज में लोगों की मानसिकता को बदलना होगा। खासकर दहेज और भ्रूण हत्या के मामले में।टीवी फोटो
उन्होंने कहा कि हम लोग जब मातृभूमि की पूजा करते हैं या वन्देमातरम बोलते हैं या देवियों की आराधना करते हैं तो यह सभी स्त्री तत्त्व हैं और हमें सामाजिक वातावरण बनाना होगा।
नायडू ने कहा कि सरकार ने अनेक ऐसी योजनाएं चलाई हेैं जिसमें शिक्षा से लेकर स्त्रियों के स्वाभिमान और रोजगार के समान अवसर उपलब्ध हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधायिका में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित करने वाले विधेयक को जल्द पारित करने की मांग की है। महिला दिवस पर मंगलवार को सोनिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘अधिकतम सुशासन’ का अर्थ ‘महिलाओं को उनका अधिकार’ देना है।
उन्होंने कहा कि इसलिए संसद को महिला आरक्षण विधेयक जल्द से जल्द पारित करना चाहिए।
सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि हम दुर्गा और लक्ष्मी की शक्ति और धन के लिए पूजा तो करते हैं लेकिन क्या हम समाज में स्त्रियों का उतना ही सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा कि स्त्री से ही सृष्टि चलती है। ‘तुम जिस पेड़ पर बैठे हो, उसी के साथ क्राइम करोगे तो तुम्हारा बहुत ही बुरा होगा।’
पूनम महाजन ने कहा कि स्त्री आजादी चाहती है चाहे वह कैसे भी कपड़े पहने, किसी भी मंदिर में जाना चाहे। समाज में उसे हर जगह बराबरी का हक मिलनाचाहिए। उसे समाजिक उत्पीड़न का शिकार नहीं होने देने चाहिए और किसी सार्वजनिक जीवन में काम कर रही है तो उसके चरित्र पर सवाल नहीं उठाए जाने चाहिए।
कलकत्ता के आरामबाग संसदीय क्षेत्र से चुनकर आईं तृणमूल कांग्रेस की संसद सदस्य ने कहा कि मेरे संसदीय क्षेत्र में ही राजा राममोहन रॉय और रामकृष्ण परमहंस का जन्म हुआ और उन्होंने जो सामाजिक सुधार के काम किए वह देश के सामने हैं।उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लड़कियों को शिक्षित बनाया जाना चाहिए।
साध्वी निरंजन ज्योति ने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि यदि तुम ठान लो तो तारे गगन के तोड़ सकते हो।
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