जयपुर, 10 सितम्बर | राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार शनिवार को संपूर्ण राज्य में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। राज्य में इस वर्ष लोक अदालतों के माध्यम से 73,562 मुकदमों का निस्तरण किया जा चुका है। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार शनिवार को सम्पूर्ण राज्य में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जयपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय (ओल्ड) परिसर में राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक ने दीप प्रज्जवलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर न्यायमूर्ति रफीक ने कहा, “इन लोक अदालतों में प्रकरण त्वरित निपटते हैं, साथ ही इनके निस्तारण की प्रक्रिया भी सरल होती है। पक्षकारों को ऐसे प्रकरणों, जिनमें राजीनामे की संभावना हो, लोक अदालतों में रखने के लिए आवेदन करना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “इन अदालतों में पक्षकारों का समय तो बचता ही है, मुकदमों का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान भी हो जाता है। आम व्यक्तियों को इनमें अपने प्रकरण रखकर इसका अधिकाधिक लाभ उठाना चाहिए।”
न्यायमूर्ति रफीक ने कहा, “लोक अदालतें इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं कि इनमें प्री-लिटीगेशन के मामलों का भी निस्तारण किया जाता है अर्थात अदालत में जाने से पूर्व दोनों पक्षकारों को आपसी बातचीत और समझाइश से समस्या का हल निकाल लिया जाता है। इससे पक्षकारों के धन एवं समय की बचत के साथ-साथ वे अदालतों के चक्कर काटने से भी बच सकते हैं।”
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव एस.के.जैन ने लोक अदालतों के सन्दर्भ में बताया, “इनका आयोजन प्रत्येक माह के दूसरे शनिवार को किया जाता है। राज्य में इस वर्ष अब तक लोक अदालतों के माध्यम से 73,562 मुकदमों का निस्तरण किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त प्राधिकरण द्वारा प्रत्येक माह के चौथे शुक्रवार को भी जिला स्तर पर लोक अदालत आरंभ करने का विचार किया जा रहा है। इसे अभी प्रायोगिक तौर पर जयपुर जिले में आरंभ किया गया है।”
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