पटना, 22 जुलाई (जस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2006 में पंचायती राज कानून में संशोधन के बाद महिलाएं आगे आईं और लोगों के अधिकार के लिए लड़ाई में शामिल हुईं। शुरू में लोग इसका मजाक उड़ाते थे लेकिन धीरे-धीरे लोगों ने इसके महत्व को महसूस किया तथा समझा कि यह एक सामाजिक परिवर्तन की दिशा में उठाया हुआ ठोस कदम है। लोगों ने इसको स्वीकार कर लिया है, आज इसका प्रभाव इतना है कि कई राज्यों ने इसको अपनाया है।
नीतीश ने कहा कि संविधान में स्थानीय निकायों के लिए एक तिहाई सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने का उल्लेख है परन्तु हमने इसमें संशोधन करते हुए बिहार में महिलाओं को आगे लाने का काम किया। 2006 में बिहार पंचायती राज कानून में संशोधन करके महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण दिया गया जिससे 2006 की गणना के अनुसार 56 प्रतिशत महिलाएं चुनकर आईं, इससे एक नया सामाजिक परिवर्तन आया।
गुरूवार को बिहार के नवनिर्वाचित सभी जिला परिषद, पंचायत समिति के जन प्रतिनिधियों एवं सभी ग्राम पंचायतों के मुखिया के एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि मैं सभी नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को बधाई देता हूँ। आप सभी को एक नया दायित्व मिला है, आप अपने कर्तव्यों के निर्वहन में जरूर कामयाब होंगे।
उन्होंने सभी नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को पूरी निष्ठा से अपने दायित्वों को निभाने को कहा। उन्होंने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था मजबूत हो, यह मेरा उद्देश्य है।
फोटो: आईएएनएस
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