नई दिल्ली, 2 मार्च (जनसमा) । मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में वंचित समूहों के छात्रों की शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए विश्व बैंक से आर्थिक मदद ली है।इससे उच्च शिक्षा व्यवस्था को और अधिक कारगर बनाया जाएगा।
इस संबंध में भारत सरकार ने मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा गुणवत्ता सुधार परियोजना के लिए मंगलवार को विश्व बैंक से 300 मिलियन डॉलर का वित्त पोषण समझौता किया गया।
समझौते पर भारत की ओर से आर्थिक मामले विभाग के संयुक्त सचिव राजकुमार तथा विश्व बैंक की ओर से कंट्री निदेशक विश्व बैंक (भारत) ओनोरुल ने हस्ताक्षर किए। एक परियोजना समझौता पर भी हस्ताक्षर किया गया। इस पर मध्य प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के.के. सिंह तथा विश्व बैंक के कंट्री निदेशक ओनोरुल ने हस्ताक्षर किए।
परियोजना का उद्देश्य चुनिंदा उच्च शिक्षा संस्थानों में वंचित समूहों के विद्यार्थियों की गुणवत्ता में सुधार करना तथा मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा व्यवस्था को और अधिक कारगर बनाना है। परियोजना के तीन भाग हैं-
(1) उच्च शिक्षा संस्थानों को अनुदान समर्थन
(2) राज्य स्तरीय पहल तथा
(3) प्रणाली प्रबंधन में सुधार।
यह परियोजना परिणाम आधारित वित्तीय कार्यक्रम के रूप में बनाई गई है। इसका अर्थ यह है कि विशेष परिणाम उपलब्धियों के आधार पर या वितरण से जुड़े संकेतकों के आधार पर धन जारी किए जाएंगे।
मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा गुणवत्ता सुधार परियोजना 31 अगस्त 2021 को समाप्त हो जाएगी।
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