वाई20 प्री-समिट का उद्घाटन सत्र आज 27 अप्रैल, 2023 को लेह स्थित सिन्धु संस्कृति केन्द्र में आयोजित किया गया।
तीन-दिवसीय यूथ20 प्री-समिट में लेह, लद्दाख में जी20 देशों के 100 से अधिक युवा प्रतिनिधियों ने भाग लिया है।
इस सत्र का उद्घाटन लेह-लद्दाख के उपराज्यपाल ब्रिगेडियर (डॉ.) बी.डी. मिश्रा (सेवानिवृत्त) द्वारा किया गया।
उन्होंने अतिथि प्रतिनिधियों को लद्दाख की जीवन शैली से परिचित कराने हेतु लद्दाख की संस्कृति, भोजन और परंपराओं पर प्रकाश डाला। इनमें लद्दाख के पहाड़ी परिदृश्यों की सुंदरता, शिशुओं के लिए आंगनवाड़ी या आंगन आश्रय, लद्दाखी महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित हस्तकला एवं हथकरघा, पश्मीना ऊन, लकड़ी की नक्काशी, लद्दाख की बागवानी विरासत के हिस्से के रूप में खुबानी, सी बकथॉर्न, आइस-हॉकी और आइस क्लाइम्बिंग, आइस स्केटिंग, स्कीइंग एवं फ्रोजेन लेक मैराथन आदि जैसी शीतकालीन खेल गतिविधियां शामिल हैं।
ब्रिगेडियर (डॉ.) बी.डी. मिश्रा ने पारंपरिक पोशाक पहने और घोड़ों की सवारी करने वाले खिलाड़ियों के साथ दुनिया भर में शीर्ष पर पहुंचे पोलो के बारे में भी चर्चा की, जो लद्दाख की बेजोड़ पहचान है।
कार्बन उत्सर्जन को शून्य के स्तर तक पहुंचाने की दिशा में उठाए गए एक कदम के बारे में उपराज्यपाल ने कहा कि सरकार ई-वाहनों को अपनाने, आधुनिक ऊर्जा कुशल ग्रीनहाउस का निर्माण करने और जल जीवन मिशन का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
युवा कार्य विभाग में सचिव श्रीमती मीता राजीवलोचन ने कहा, “सभी युवा उन विषयों पर बहस करेंगे जो मानवता के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं; चाहे वह कार्य का भविष्य, जलवायु परिवर्तन, शांति निर्माण और सुलह, लोकतंत्र और शासन में युवा या हेल्थ एंड वैलनेस हो। इनमें से प्रत्येक विषय का हम पर प्रभाव पड़ रहा है और भविष्य में भी पड़ेगा।”
यूथ20 सचिवालय के अध्यक्ष अनमोल सोवित ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि भारत अपनी समृद्ध संस्कृति, क्षेत्रीय विविधता के साथ-साथ अपने भौगोलिक इलाकों के लिए भी प्रसिद्ध है।
भारतीय राष्ट्रीय युवा विज्ञान अकादमी (आईएनवाईएएस) की टीम द्वारा ‘हेल्थ एंड वेलबीइंग- इंडियन पर्सपेक्टिव’ विषय पर आधारित एक सत्र आयोजित किया गया, जिसमें मॉडरेटर के रूप में प्रो. राजेंद्र एस. ढाका, डॉ. प्रदीप बनंदूर, डॉ. पंकज बराह, डॉ. कल्पना नागपाल, डॉ. धीरज भाटिया, डॉ. रिगज़िन समनला, डॉ. शालिनी आर्य और डॉ. शरणजीत धवन शामिल थे।
सत्र के बाद युवा प्रतिनिधियों के साथ एक संवादात्मक सत्र आयोजित किया गया जहां पैनलिस्टों द्वारा उनकी चिंताओं और प्रश्नों का समाधान किया गया।