बीजिंग, 1 जुलाई | पिछले कुछ सालों में भयावह स्तर पर पहुंच चुका वायु प्रदूषण का लंबी अवधि का आवरण किडनी के रोगों का कारण बन सकता है। एक नए अध्ययन में इसका खुलासा हुआ है। शोध के दौरान अध्ययनकर्ताओं ने देखा कि वायु प्रदूषण से झिल्लीदार नेफ्रोपैथी (किडनी रोग) के विकास की संभावना में वृद्धि हुई, जो किडनी की विफलता का प्रमुख कारण है।
लंबी अवधि तक कणिका तत्व का आवरण झिल्लीदार नेफ्रोपैथी के जोखिम से जुड़ा हुआ है।
कणिका तत्व को कण प्रदूषण भी कहा जाता है जो हवा में पाए जाने वाले ठोस कणों और तरल बूंदों के मिश्रण के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है।
पिछले अध्ययनों ने पुष्टि की है कि वायु प्रदूषण का अत्यधिक आवरण श्वसन और हृदय रोगों में वृद्धि कर सकता है।
इस शोध के लिए अध्ययनकर्ताओं के एक समूह चीन के 282 शहरों के 71,151 रोगियों की किडनी बायोप्सी के आंकड़ों का विश्लेषण किया था। इस आकलन में चीन के सभी आयु वर्ग के लोग शामिल थे। महीन कणों युक्त वायु प्रदूषण के उच्च स्तर वाले क्षेत्रों में झिल्लीदार नेफ्रोपैथी की दर सबसे अधिक देखी गई।
चीन की साउथर्न मेडिकल यूनिवर्सिटी से इस अध्ययन के मुख्य लेखक फैन फैन हाऊ ने बताया, “हमारा प्राथमिक निष्कर्ष यह रहा कि चीन में पिछले एक दशक में झिल्लीदार नेफ्रोपैथी की आवृत्ति दोगुनी हो गई है। हम जानते हैं कि यह वृद्धि वायु प्रदूषण में कणिका तत्व के साथ जुड़ी हुई है।”
यह शोध को ‘जर्नल ऑफ द अमेरिकन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी’ (जेएएसएन) पत्रिका के आगामी अंक में प्रकाशित किया जाएगा। –आईएएनएस
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