वायु प्रदूषण शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है और यह कई तरह के रोगों का कारण बनता है। एक नए अध्ययन के मुताबिक, वायु प्रदूषण बच्चों और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
शोध के निष्कर्ष के मुताबिक, वायु प्रदूषण ने बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य जोखिमों को बढ़ाया है और अध्ययन के दौरान इससे कम से कम एक बच्चा या किशोर मनोरोग का शिकार हुआ।
आवासीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ2) और कणिका तत्व हैं।
कणिका तत्व को कण प्रदूषण भी कहा जाता है जो हवा में पाए जाने वाले ठोस कणों और तरल बूंदों के मिश्रण के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है।
स्वीडन की ऊमेआ यूनिवर्सिटी में इस अध्ययन की मुख्य लेखक अन्ना उदिन ने कहा, “वायु प्रदूषण और सबसे अधिक यातायात से होने वाले वायु प्रदूषण की उच्च सांद्रता बच्चों और किशोरों में मानसिक विकारों को बढ़ा सकता है।”
यह शोध ‘बीएमजे ओपन’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
(फोटो: आईएएनएस)
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