नई दिल्ली, 5 मई | वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण शहरों में लोग तेजी से प्रदूषण का शिकार होरहे हैं और समय से पहले मौत के मुंह में धकेले जारहे हैं। मोबाइल इंडोर एयर प्यूरिफाइंग बनाने वाली कंपनी ब्लूएयर ने भारत के शहरों में ‘क्लीन एयर जोन्स’ स्थापित करने का सुझाव पेश किया है। इसके तहत उच्चतम-प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया गया है।
ब्लूएयर ने एक बयान में कहा कि भारत के शहरों में ‘क्लीन एयर जोन्स’ स्थापित करने के लिए उच्चतम-प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर ध्यान केंद्रित करना अनिवार्य हो गया है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे वाहन शहरों के केंद्र में प्रवेश न करें। कार, ट्रक और बस की अधिकता के कारण शहरों में लोग समयपूर्व मृत्यु का शिकार हो रहे हैं।
ब्लूएयर के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बेंग्ट रिट्री ने कहा, “सड़क परिवहन में वृद्धि के कारण लोगों में समयपूर्व मृत्यु की स्थिति भयानक स्तर तक पहुंच गई है।”
रिट्री ने कहा कि नए शोध के अनुसार, वायु प्रदूषण के कारण हर साल 55 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु समय से पहले हो रही है। सेंटर फॉर साइंस एंड एंवॉयरमेंट (सीएससी) ने वायु प्रदूषण को दिल्ली में 10,000 से 30,000 लोगों की वार्षिक मृत्यु के लिए जिम्मेदार पाया है और यह भारत में मृत्यु का पांचवां प्रमुख कारण है।
उन्होंने बताया कि अमेरिकी मेडिकल संस्थानों, द रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियंस और द रॉयल कॉलेज ऑफ पेडियाट्रिक्स एंड चाइल्ड हेल्थ द्वारा फरवरी 2016 के हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन से यह पता चला है कि वायु प्रदूषण से कैंसर, अस्थमा, स्ट्रोक और हृदय रोग, मधुमेह, मोटापा और डिमेंशिया जैसी बीमारी हो सकती है।
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में पहले 40-50,000 लोगों की वायु प्रदूषण से जुड़े रोगों द्वारा समयपूर्व मृत्यु होती थी। वहां लंदन से बाहर पांच अन्य शहरों में ‘क्लीन एयर जोन्स’ की शुरुआत की गई है। उन्होंने चीन और भारत जैसे देशों को भी चेतावनी दी है कि वे प्रमुख शहरों में बढ़ती समस्याओं पर विचार करें और सम-विषम नंबर प्लेट योजना, जो आमतौर पर सेकंड हैंड कार खरीदने को प्रोत्साहित कर रहा है, पर निर्भर रहने के बजाय सार्वजनिक परिवहन को सुधारने पर अधिक ध्यान दें।
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