सरकार ने वाहनों को एक राज्य से दूसरे राज्य में वाहन रजिस्ट्रेशन (vehicle registration) करने में आने वाली बाधओं को दूर कर नए वाहनों के लिए आईटी आधारित समाधान ‘भारत सीरिज (BH-series)‘ , एक नया पंजीकरण चिह्न (Registration Mark ) लागू किया है।
वाहन पंजीकरण (vehicle registration) प्रक्रिया में एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते समय वाहन का पुनःपंजीकरण कराना एक मुश्कि का काम था, जिस पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता थी।
सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानान्तरण होकर जाने के बाद वाहन का नया पंजीकरण कराना, एक जटिल प्रक्रिया से जूझने की तरह था। सरकार ने इसे अब आसान बना दिया है।
मोटर वाहन अधिनियम के तहत किसी व्यक्ति को उस राज्य के अतिरिक्त, जहां वाहन का पंजीकरण हुआ है, किसी अन्य राज्य में वाहन को 12 महीनों से अधिक समय तक रखने की अनुमति नहीं है, लेकिन नया राज्य-पंजीकरण प्राधिकरण के साथ एक नया पंजीकरण 12 महीनों के निर्धारित समय के भीतर किया जाना होता है।
वाहनों के निर्बाध स्थानांतरण को सुगम बनाने के लिए नए वाहनों अर्थात ‘ भारत सीरिज (बीएच-सीरिज) ‘ के लिए 26 अगस्त, 2021 की अधिसूचना के जरिये एक नया पंजीकरण चिह्न (Registration Mark ) लागू किया है।
इस पंजीकरण चिह्न (Registration Mark ) वाले वाहन के मालिक के लिए अपने वाहन को एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट करते समय नए पंजीकरण चिह्न के निर्धारण की आवश्यकता नहीं होगी।
भारत सीरिज (BH-series) पंजीकरण चिह्न का प्रारूप –
पंजीकरण चिह्न (Registration Mark ) का प्रारूप:-
YY BH #### XX
YY – Year of first registration
BH- Code for Bharat Series
####- 0000 to 9999 (randomized)
XX- Alphabets (AA to ZZ)
‘भारत सीरिज (बीएच-सीरिज)‘ के तहत वाहन पंजीकरण की यह सुविधा स्वैच्छिक आधार पर रक्षा कर्मचारियों, केंद्रीय सरकार, राज्य सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम तथा निजी क्षेत्र की कंपनियों, संगठनों, जिनके चार या अधिक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यालय हैं, को उपलब्ध होगी।
मोटर वाहन कर दो वर्षों के लिए या दो के मल्टीपल में लगाया जाएगा। यह स्कीम किसी नए राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश में स्थानांतरण पर भारत के सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में व्यक्तिगत वाहनों की मुक्त आवाजाही को सुगम बनाएगी।
वाहन निर्माण के 14वें वर्ष की समाप्ति पर मोटर वाहन कर वार्षिक रूप से लगाया जाएगा जो उस राशि का आधा होगा जो पहले उस वाहन के लिए वसूल की गई थी।
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