भोपाल, 19 अगस्त | मध्यप्रदेश के विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र में जारी भारी बारिश ने बाढ़ जैसे हालात बना दिए हैं। कई गांव जलमग्न हैं, नदी-नाले उफान पर है। जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। सतना जिले में तो बाढ़ से घिरे मगराज गांव के छह लोग जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़े हुए हैं। इन्हें सुरक्षित निकालने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है। क्षेत्र के 50 गांवों को खाली कराया गया है। राहत व बचाव कार्य में सेना की मदद ली जा रही है।
विंध्य क्षेत्र के रीवा, सतना और बुंदेलखंड के छतरपुर, पन्ना, दमोह और टीकमगढ़ में बारिश का दौर जारी है। रीवा जिले में लगातार जारी बारिश से नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे कई मार्गो पर आवागमन बाधित हो रहा है।
वहीं बांधों का पानी टमस नदी में छोड़े जाने से नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है और नदी के किनारे बसे गांव के डूब में आने का खतरा मंडराने लगा है।
रीवा संभाग में हुई वर्षा में छह लोगों की मौत हुई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 35 राहत शिविर लगाए गए हैं। शिविर में 20 हजार लोगों ठहराया गया है। यहां बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सेना की भी मदद ली जा रही है।
इसी तरह सतना जिले में भी बारिश का क्रम बना हुआ है। अमरपाटन क्षेत्र के मगराज गांव में तो छह लोग बाढ़ से घिर गए हैं और वे अपनी जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़े हुए हैं।
पुलिस अधीक्षक मिथिलेश शुक्ला ने बताया कि बाढ़ में फंसे इन लोगों केा सुरक्षित निकालने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली जा रही है।
सतना जिले में कई स्थानों पर बाढ़ में लोगों के फंसे होने की खबरें आ रही हैं। मैहर क्षेत्र के गणेशपुर में कई परिवार बाढ़ से घिरे हैं, माधवगढ़ मजार क्षेत्र में भी कई लोग बाढ़ में फंसे हैं, जिन्हें बचाने के लिए राहत व बचाव दल मौके पर पहुंच गया है।
बुंदेलखंड के छतरपुर में बीते दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे नदियां उफान पर है और निचली बस्तियों में पानी भर गया है। यहां के कई गांव का सड़क संपर्क टूट गया है। टीकमगढ़ में नदियों का जलस्तर बढ़ने से छतरपुर व ललितपुर से सड़क संपर्क बाधित है। दमोह में भी बीते एक दिन से बारिश हो रही है, जिससे आवागमन व जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है।
रीवा संभाग में बने बाढ़ के हालातों की समीक्षा करते हुए शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रभावितों को सुरक्षित निकालने के लिए जरूरत पड़ने पर सेना और हेलीकॉप्टर की मदद ली जाए।
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि स्थिति पर लगातार नजर रखें। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की सभी व्यवस्थाएं की जाएं। प्रभावित क्षेत्रों में बचाव दल लगातार काम करें तथा उन्हें जरूरत के अनुसार मोटर बोट भेजी जाएं। कंट्रोल रूम चौबीस घंटे काम करें। राहत शिविरों में भोजन तथा अन्य व्यस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
बैठक में बताया गया कि रीवा संभाग में पिछले एक सप्ताह से भारी वर्षा हो रही है। बचाव दलों द्वारा 3,200 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। बाढ़ के पानी से भरे करीब पचास गांवों को खाली कराया गया है।
आपदा प्रबंधन तथा होमगार्ड के पच्चीस दल बचाव और राहत कार्यो में लगे हुए हैं। इन दलों के पास मोटर बोट तथा आवश्यक बचाव उपकरण हैं। बाण सागर बांध के सभी गेट खोल दिए गए हैं।
पिछले दिनों रीवा संभाग में हुई वर्षा में छह लोगों की मौत हुई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 35 राहत शिविर लगाए गए हैं। शिविर में 20 हजार लोगों ठहराया गया है।
बैठक में उद्योग मंत्री राजेंद्र शुक्ल, मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।–आईएएनएस
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