रायपुर, 26 सितम्बर। विकास आधारित सुशासन में छत्तीसगढ़ को देश में पहला स्थान मिला है। शोधकर्ताओं ने भारत के 19 राज्यों में सुशासन के प्रदर्शन का ताजा सर्वेक्षण और अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट जारी की है।
सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार कम विकसित राज्यों में छत्तीसगढ़ की स्थिति सुशासन के प्रदर्शन में काफी बेहतर पायी गयी है। देश का यह नया राज्य सुशासन के मामले में वर्ष 2001 में जहां 10 वें स्थान पर था वहीं वर्ष 2011 में अपनी स्थिति को बेहतर बनाते हुए वह 8 वें स्थान पर पहुंच गया था और विकास समायोजित सुशासन के ताजा सूचांकाकों के आधार पर छत्तीसगढ़ ने अपनी स्थिति में और भी ज्यादा सुधार करते हुए पहले नम्बर पर अपना स्थान बनाया। यह छत्तीसगढ़ राज्य के कुशल नेतृत्व और बेहतर प्रशासनिक द़क्षता के परिणामों को दर्शाता है। जिन 19 राज्यों के लिए यह सर्वेक्षण किया गया उनमें छत्तीसगढ़ सहित गुजरात, तमिलनाडु, पंजाब, केरल, हरियाणा, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, बंगाल, असम, मध्यप्रदेश, उत्तराखण्ड, ओड़िशा, राजस्थान, झारखण्ड, उत्तरप्रदेश और बिहार शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2001 में पांच सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्य गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल और पंजाब थे। ये राज्य वर्ष 2011 में भी शीर्ष पर बने हुए हैं। वहीं 2001 में 6 सबसे खराब प्रदर्शन वाले राज्यों में चार राज्य ओडिशा, झारखंड उत्तर प्रदेश और बिहार 2011 की स्थिति में भी निचले पायदान पर बने हुए है। यह सर्वेक्षण और अध्ययन लोकप्रिय अंग्रेजी साप्ताहिक ‘द इकानॉमिक एण्ड पॉलिटिकल वीकली’ द्वारा करवाया गया था। सर्वेक्षण में अध्ययन के लिए आंकड़े सरकारी और निजी क्षेत्र से भी संकलित किए गए थे।
शोध और सर्वेक्षणकर्ताओं ने शासन की गुणवत्ता मापने के लिए उस राज्य में उपलब्ध सेवाओं की डिलीवरी की स्थिति को अपना आधार बनाया। उन्होंने राज्य सरकारों के प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए अलग-अलग कई मापदंड तय किए थे। इस अधार पर राज्यों को अलग-अलग रैंक दिया गया। इन मांपदण्ड में बुनियादी ढांचा, सामाजिक सेवाएं, राजकोषीय प्रदर्शन, न्याय और कानून व्यवस्था और विधायिका की गुणवत्ता शामिल है। अध्ययन में बताया गया कि कम विकसित राज्यों में बिहार और मध्यप्रदेश का प्रदर्शन भी पहले की तुलना में काफी बेहतर हुआ है।
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