गांधीनगर, 08 फरवरी। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने राज्य के महानगरों की स्वच्छता, नगर के कल्याणकारी कार्यों, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सहित समग्रतया नगर विकास के कार्यों का व्यापक लाभ प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे ऐसे नागरिक केंद्रित नगर विकास के आयोजन का आह्वान किया है। आनंदीबेन पटेल सोमवार को गांधीनगर में आयोजित महानगरों के महापौर, आयुक्त एवं पदाधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर बोल रही थीं।
उन्होंने कहा कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों एवं नवनियुक्त पदाधिकारियों को अपना शासन दायित्व इस तरह निभाना चाहिए जिससे कि राज्य सरकार के परिपत्रों का सर्वांगीण शहरी विकास के परिप्रेक्ष्य में अमलीकरण हो तथा आम नागरिक को सुख-सुविधाएं सरलता से प्राप्त हो। इस कार्यशाला का आयोजन शहरी विकास एवं शहरी गृह निर्माण विभाग की ओर से नये चुने हुए इन पदाधिकारियों को राज्य सरकार की शहरी विकास की फ्लेगशिप योजनाओं सहित सर्वांगीण विकास आयोजन की विस्तृत समझबूझ-मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कार्यशाला में अभिनव सुझाव देते हुए कहा कि यह आवश्यक है कि महानगरों के चुने हुए नगरसेवक एवं पदाधिकारी वार्ड की जनसमस्याओं के निवारण के लिए सक्रियता दिखाते हुए नागरिकों के बीच वार्ड में जाकर समस्याओं को जानें, समझें एवं स्थल पर ही उसके निपटारे की मुहिम लोकसंवाद सेतु की परिपाटी पर शुरू करें। उन्होंने दीर्घाकाल से लंबित मसलों एवं समस्याओं का निश्चित समयावधि में हल निकालने का लक्ष्य निर्धारित करने तथा शहरी क्षेत्रों के जनजीवन को ज्यादा बेहतर बनाने के जन-अभियानों में समाज शक्ति को जोड़ने की प्रेरणा भी दी।
शहरी क्षेत्रों में आवास योजनाओं के लाभार्थियों का नामांकन शीघ्रता से करने की हिमायत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे लाभार्थियों की आवास के स्थल पर मतदाता सूची को अद्यतन किया जाए, कॉलोनी की व्यवस्थापक समिति स्थानीय सत्ता तंत्र के साथ परामर्श कर कार्यरत हो एवं वार्ड महिला सुरक्षा समिति के गठन में तेजी लाई जाए।
उन्होंने इज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में गुजरात को मिले अव्वल स्थान को बरकरार रखने के लिए प्रो-एक्टिव नजरिये को अपनाने की पदाधिकारियों एवं सत्ता तंत्रवाहकों से अपील की। आनंदीबेन पटेल ने इस समग्र विकास आयोजन की प्रगति की समीक्षा हर तीन माह में बैठक आयोजित कर करने की मंशा व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की शहरी विकास, शहरी गृह निर्माण योजनाओं एवं नीतियों की जानकारी देने वाली पुस्तिका नगरसेवकों को भी प्रदान कर स्थानीय सत्ता तंत्र योजनाओं का दायरा निर्धारित लाभार्थी तक पहुंचा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने नगर की साफ-सफाई के कार्यों से जुड़े सफाई कर्मचारियों एवं उनके परिवारजनों के स्वास्थ्य, बच्चों की शिक्षा एवं राज्य सरकार की सहायता योजना का लाभ उन्हें जल्द मिले, ऐसे कार्यआयोजनों की अपेक्षा व्यक्त की। आनंदीबेन पटेल ने सुझाव दिया कि राज्य सरकार के माता-बहनों की स्वास्थ्य जांच एवं बाल स्वास्थ्य की देखभाल तथा कुपोषण मुक्ति जैसे जनसेवा अभियान का दायरा शहरी क्षेत्रों में बढ़े एवं अधिकांश नागरिकों व जरूरतमंद लोग उसका लाभ लें इसके लिए एक्शन प्लान तैयार किया जाए।
शहरी विकास राज्य मंत्री शंकरभाई चौधरी ने उम्मीद जतायी कि यह कार्यशाला नगरों के विकास कार्यों के लिए नई दिशा देने वाली साबित होगी। उन्होंने मुख्यमंत्री के गतिशील गुजरात के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए शहरी क्षेत्रों के चुने हुए पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री के दीर्घकालीन अनुभव का निचोड़ एवं शहरी विकास के दूरदर्शी आयोजन का मार्गदर्शन मिलने पर हर्ष व्यक्त किया।
मुख्य सचिव जीआर अलोरिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इससे पहले शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव डॉ. राजीव कुमार गुप्ता ने कार्यशाला का उद्देश्य स्पष्ट किया।
कार्यशाला में इज ऑफ डूइंग बिजनेस, सुनियोजित शहरी विकास, सूरत-अहमदाबाद स्मार्ट सिटी, शहरी आवास योजनाएं, झोपड़पट्टी पुनर्वास, स्वर्णिम जयंती मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, वेस्ट-टू-एनर्जी प्रोजेक्ट्स, अमृत मिशन तथा महानगरों में एलईडी लाइट प्रोजेक्ट, स्वास्थ्य, जलापूर्ति योजना एवं महिला कल्याण योजनाओं की जानकारी, प्रगति एवं भावी आयोजनों के प्रेजेन्टेशन प्रस्तुत किए गए। इस कार्यशाला में मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव सुश्री एस. अपर्णा, महानगरों के आयुक्त एवं शहरी विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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