भोपाल, 08 फरवरी। मध्यप्रदेश में इस वर्ष जलाभिषेक अभियान व्यापक पैमाने पर चलाया जायेगा। अभियान में युद्ध-स्तर पर जल-संरचनाएँ बनाने के काम किये जायेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहाँ प्रशासनिक अधिकारियों की उच्च-स्तरीय बैठक में यह निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अभियान में आम जनता, जन-प्रतिनिधियों, अशासकीय संगठनों और सभी विभाग की भागीदारी रहे। बैठक में मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा सहित सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और विभाग प्रमुख उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान कहा कि वे विकास कार्यों के आकस्मिक निरीक्षण के लिये जन-कल्याण यात्रा पर निकलेंगे। यात्रा के दौरान वे गाँवों में रात्रि विश्राम करेंगे तथा अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेंगे। उन्होंने कहा कि निवेश रोजगार सृजन का महत्वपूर्ण माध्यम है। निवेशकों को सुविधाएँ देने में सकारात्मक सोच रखकर काम करें। प्रदेश में निवेश का अनुकूल वातावरण बनायें। जिन क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहाँ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में वर्ष भर पानी रोकने वाली जल-संरचनाएँ बनाने की योजनाएँ बनायें। शहरी और ग्रामीण विकास क्षेत्र में पेयजल संकट से निपटने की तैयारी अभी से करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी वर्ष को ‘गरीब कल्याण वर्ष’ के रूप में मनाया जायेगा। जिन विभागों द्वारा गरीबों के कल्याण की योजनाएँ संचालित की जाती हैं वे वर्ष के दौरान कार्यक्रमों की पूरी तैयारी करें। सभी विभाग दृष्टि पत्र-2018 में तैयार किये गये रोडमेप के लक्ष्यों के अनुसार कार्य करें तथा सतत मॉनीटरिंग भी करें। हाल ही में हुई सभी विभागीय समीक्षा बैठकों में लिये गये निर्णयों का तेजी से क्रियान्वयन किया जाये। हर तीन माह में विस्तृत विभागीय समीक्षा बैठकें आय़ोजित की जायेगी। विकास कार्यों के लिये विधायकों द्वारा अनुशंसित प्राथमिकताओं का ध्यान रखे तथा सकारात्मक मानसिकता से उनका क्रियान्वयन करवायें। विभागों द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में किये गये विकास कार्यों की विधानसभावार सूची तैयार करवायें।
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