विकास कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं : वीरभद्र

शिमला, 15 नवंबर (जस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के सभी क्षेत्रों में समान व तीव्र विकास सुनिश्चित बनाने के लिए वचनबद्ध है और विकास कार्यों के कार्यान्वयन के दौरान गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में भारी संख्या में स्वास्थ्य तथा शिक्षण संस्थान खोले गए हैं। इसके अतिरिक्त लोगों को सड़क, पेयजल व सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री आज शिमला जिला के रामपुर बुशैहर में चार दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय लवी मेले के समापन अवसर पर बोल रहे थे।

मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के लोगों को अन्तरराष्ट्रीय लवी मेले की बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों में आयोजित होने वाले अनेक मेलों को अन्तरराष्ट्रीय मेले का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा कि मेले न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि हमारी समृद्ध संस्कृति को बढ़ावा देने में भी सहायक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केन्द्र सरकार द्वारा 500 व एक हजार रुपये की मुद्रा बंद करने के निर्णय से मेले की व्यापारिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं, परन्तु इसके बावजूद भी लोगों ने अन्य वर्षों की तरह लवी मेले में भारी उत्साह दिखाया।

इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने रामपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र में 60 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया, जिनमें सड़क, पेयजल, बागवानी, कार्यालय तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आदि शामिल हैं।

उन्होंने क्षेत्र के आठ प्राचीन मंदिरों एवं रामपुर बुशैहर के आस-पास के क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों के पुनर्द्धार एवं सौंदर्यकरण की आधारशीला रखी। इनमें अयोध्या, भीमाकाली, बौद्ध, चौवाचा, दत्तात्रेय, गुफा, नारसिंह तथा रघुनाथ मंदिर शामिल हैं। इन मंदिरों के पुनर्द्धार एवं सौदर्यकरण पर हिमाचल पर्यटन बोर्ड द्वारा एशियन विकास बैंक द्वारा वित्तपोषित 18.65 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।

उन्होंने राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामपुर बुशैहर में 259.28 लाख रुपये की लागत से निर्मित अनुशुचित जाति (कन्या) छात्रावास का उद्घाटन किया। उन्होंने ग्राम पंचायत देवनगर में 944.29 लाख रुपये की लागत से स्तरोन्नत होने वाली भद्राश तथा ब्रांदली सड़कों, पलजारा, 200 लाख रुपये की लागत से निर्मित पाय-घींचा-शींगराल सड़क तथा 124.02 रुपये की लागत से स्तरोन्नत होने वाली बाहली-नेहरा सड़कों की आधारशिला रखी।