नई दिल्ली, 17 सितम्बर | अपनी अधिकतर फिल्मों की शूटिंग महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में करने वाले फिल्मकार प्रकाश झा का कहना है कि भारत की तुलना में विदेशों में शूटिंग करना कम खर्चीला होता है। पीएचडी चैंबर द्वारा शुक्रवार को आयोजित ‘फिल्म टूरिज्म-इंडिया : द फोकल हब’ के सम्मेलन में उपस्थित झा ने कहा कि भारत की अपेक्षा विदेशों में होटल और उड़ान की लागत और पूरा पैकेज कम खर्चीला होता है।
फाइल फोटो:आईएएनएस
उन्होंने कहा, “भारत की अपेक्षा विदेश में शूटिंग करना कम खर्चीला है। उदाहरण के तौर पर मुंबई से दिल्ली का हवाई टिकट लेना और फिर वापस जाना किसी यूरोपीय देश जाने और वापस लौटने की अपेक्षा ज्यादा खर्चीला है। आज के दौर में हमें यूरोपीय देशों में होटल की लागत से लेकर बेहतरीन पैकेज तक मिल रहे हैं। वे आपको सारी सुविधाएं देते हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वहां शूटिंग करने के दौरान कोई भी परेशान नहीं करता है।”
फिल्मकार ने कहा कि अगर भारत को फिल्मों की शूटिंग करने लायक बना दिया जाए तो यहां असीम संभावनाएं हैं। इसके लिए जुनून की जरूरत है। हर स्तर पर फिल्मों की शूटिंग के लिए अनुकूल माहौल बनाने की जरूरत है।
झा के अनुसार, वह अपनी फिल्मों के संगीत को प्राग में रिकॉर्ड करना पसंद करते हैं। उनके पास बेहतरीन वाद्य यंत्र व आर्केस्ट्रा होता है और यह भारत में रिकॉर्ड करने की अपेक्षा सस्ता भी है। साथ ही गुणवत्ता भी अच्छी होती है।
इस सम्मेलन में मौजूद फिल्मकार मधुर भंडारकर ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को इसमें सहायता करनी चाहिए। फिल्मों की शूटिंग के लिए अनुमति देने में अधिक औपचारिकताओं और कानूनी नियमों की अड़चन सामने नहीं आनी चाहिए। नौकरशाही से फिल्म निर्माताओं को परेशानी होती है, जबकि विदेशों में शूटिंग करने के लिए वहां के अधिकारियों से महज थोड़ी सी बातचीत व औपचारिकता में अनुमति मिल जाती है।
फिल्मों के निर्माता फिल्मों से भारत में पर्यटन को बढ़ावा मिलने और विदेशी फिल्मी स्थलों पर फिल्मांकन में भारतीय सिनेमा के योगदान पर चर्चा करने के लिए उपस्थित थे।
इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, पैनल में शामिल प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार, पीएचडी चैंबर के अध्यक्ष महेश गुप्ता और तुर्की, पोलैंड, चेक गणराज्य व वियतनाम के राजदूतों के साथ उपस्थित थे। –आईएएनएस
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