विधायी निकायों की कार्यवाही में व्यवधान न हो यह निर्णय सभी राजनैतिक दल लें ताकि विधानमंडलों की सभाओं में व्यवधान उत्पन्न न किया जाए।
यह संकल्प अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों ने लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष 83वें सम्मेलन में लिया।
इसमें देश के 27 विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों ने गहन विचार-विमर्श के बाद आम सहमति से 9 संकल्प पारित किए।
राजस्थान विधानसभा, जयपुर में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का 83वां सम्मेलन 12 जनवरी, 2023 को जयपुर में संपन्न होगया ।
समापन सत्र के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी ने संयुक्त प्रेसवार्ता में इस सम्मेलन में पारित किए गए नौ संकल्पों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि पहला संकल्प भारत में आयोजित होने वाले जी-20 राष्ट्रों के समूह और संसद-20 की अध्यक्षता ग्रहण करने पर भारत को ‘लोकतंत्र की जननी’ के रूप में प्रस्तुत करने के बारे में पारित किया गया।
बिरला ने बताया कि शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत में आस्था से जुड़ा एक अन्य संकल्प पारित किया गया जिसमें राज्य के सभी अंगों को संवैधानिक सीमाओं का सम्मान करने का आह्वान किया गया।
विधायी निकायों की कार्यवाही में सदस्यों की अधिक भागीदारी और आदर्श समरूप नियम प्रक्रियाएं बनाने का भी संकल्प पारित किया गया जिसके तहत असंसदीय आचरण पर प्रभावी नियंत्रण हेतु नियम प्रक्रियाओं में आचार संहिता को शामिल करने पर सहमति बनी।
उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में विधानमंडलों में समिति प्रणाली को सशक्त करने और कार्यपालिका के कार्य की समीक्षा की सीमा बढ़ाने के लिए सभी विधायी निकायों से सार्थक कदम उठाने का आह्वान करने का संकल्प भी पारित किया गया।
संघ और राज्य विधानमंडलों के कार्य प्रबंधन में वित्तीय स्वायत्तता प्राप्त करने से संबंधित एक अन्य संकल्प के तहत लोकसभा अध्यक्ष को संबंधित राज्य सरकारों से विस्तृत विचार-विमर्श हेतु अधिकृत किया गया।
लोकसभा अध्यक्ष ने पत्रकारों को बताया कि सातवां संकल्प भारत में सभी विधायी निकायों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल ग्रिड के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़ने हेतु कदम उठाने से संबंधित है।
वार्षिक आधार पर एक उत्कृष्ट विधायिका पुरस्कार की शुरुआत करने पर का भी एक संकल्प लिया गया।
बिरला ने कहा कि नौवां संकल्प समाज के सभी वर्गों, विशेषकर महिलाओं और युवाओं को संवैधानिक प्रावधानों तथा विधायी नियमों और प्रक्रियाओं की जानकारी देने के सभी संभव प्रयास करने से जुड़ा है।
सम्मेलन के समापन सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल कलराज मिश्र ने संबोधित किया।
समापन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने भी विचार व्यक्त किये।
सम्मेलन में आए अतिथियों ने राजस्थान की मेहमान नवाजी की सराहना करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी का आभार जताया।
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