नई दिल्ली, 21 सितंबर। राज्यसभा में विपक्ष के आठ सदस्यों को मॉनसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया है। पहले उन्हें एक सप्ताह के लिए निलंबित किया गया था।
निलंबित किये गए सांसद हैं – कांग्रेस के राजीव सातव, रिपुण बोरा और नजीर हुसैन, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ-ब्रायन और डोला सेन, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद के.के. रागेश और इलामारम करीम तथा आम आदमी पार्टी के संजय सिंह।
इन सभी सांसदों को राज्यसभा में रविवार को कृषि विधेयक पारित कराये जाते समय किये गए हंगामे के लिए जिम्मेदार ठहराया गया और सभापति एम. वेंकैया नायडू ने निलंबित सदस्यों के नामों की घोषणा की।
निलंबित सांसदों सहित विपक्षी दलों के सांसदों ने आठ सांसदों के निलंबन के विरोध में संसद परिसर में गांधी जी की प्रतिमा के सामने धरना दिया ।
राज्यसभा में विपक्ष के सांसदों का उप सभापति के आसन के पास जाकर हंगामा करने का दृश्य : टीवी इमेज
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी कहा ‘‘मैं राज्यसभा सदस्यों के इस तरह के बर्बर और अलोकतांत्रिक तरीके से निष्कासन की निंदा करता हूं।’’
राज्य सभा में संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने 8 सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया और सभापति एम. वेंकैया नायडू ने निलंबित सदस्यों के नामों की घोषणा की।
नायडू ने कहा कि इस घटना ने राज्यसभा की छवि धूमिल किया है।
नायडू ने कहा कि कुछ सदस्यों ने असंसदीय भाषा का प्रयोग किया और उपसभापति हरिवंश को धमकी दी।
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