नई दिल्ली, 9 नवंबर | भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने बुधवार को कहा कि 500 और 1000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण का अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ेगा। इससे कई दशकों से जड़ जमाए भ्रष्टाचार से निपटने में मदद मिलेगी।
उद्योग संगठन ने एक बयान में कहा है कि भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने हमेशा से भ्रष्टाचार और कालाधन का खात्मा करने के उपायों का समर्थन किया है। सीआईआई की नैतिक व्यापार की आचार संहिता रिश्वतखोरी और मनीलांड्रिंग को रोकती है और आतंकियों को धन देने से रोकने के संबंधी कानून का पालन करते हुए नीतिपरक व्यवसाय को बढ़ावा देती है।
सीआईआई ने कहा कि 500 और 1000 हजार के नोटों को वैध मुद्रा के रूप में अमान्य करने का असर आतंकवाद, नकली मुद्रा और हथियारों की तस्करी की समस्या के समाधान में नजर जाएगा।
फोटो : वित्त और कंपनी मामलों के मंत्री अरुण जेटली और सीआईआई के अध्यक्ष डॉ नौशाद फोर्ब्स
सौजन्य: सीआईआई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की शाम कालाधन के खिलाफ लड़ाई के लिए शुरू किए गए उपायों में 500 और 1000 के नोटों की मध्य रात्रि से विमुद्रीकरण की घोषणा की थी।
सीआईआई के अध्यक्ष नौशाद फोर्ब्स के अनुसार, यह एक समानान्तर अर्थव्यवस्था के रूप में कालाधन को खत्म करने का प्रधानमंत्री का एक महत्वपूर्ण कदम है।
फोर्ब्स ने कहा कि यह निर्णय एक कड़ा संदेश देता है कि भ्रष्टाचार और पर्दे के पीछे हुए लेनदेन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने सुधार के इन उपायों के लिए प्रधानमंत्री को बधाई दी है।–आईएएनएस
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