प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से विशेष डिजिटल भुगतान व्यवस्था ई-रुपी ( e-Rupi ) की शुरूआत की।
ई-रुपी ( e-Rupi ) डिजिटल भुगतान की नकदी रहित और संपर्क रहित व्यवस्था है। इसके उपयोग से डिजिटल क्यूआर कोड या एसएमएस से प्राप्त ई वाउचर के माध्यम से भुगतान किया जा सकेगा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश, डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम दे रहा है। e-RUPI वाउचर, देश में Digital Transaction को, DBT को और प्रभावी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है। इससे Targeted, Transparent और Leakage Free Delivery में सभी को बड़ी मदद मिलेगी।
मोदी ने कहा कि सरकार ही नहीं, अगर कोई सामान्य संस्था या संगठन किसी के इलाज में, किसी की पढाई में या दूसरे काम के लिए कोई मदद करना चाहता है तो, वो कैश के बजाय e-RUPI दे पाएगा। इससे सुनिश्चित होगा कि उसके द्वारा दिया गया धन, उसी काम में लगा है, जिसके लिए वो राशि दी गई है। अभी शुरुआती चरण में ये योजना देश के हेल्थ सेक्टर से जुड़े बेनिफिट्स पर लागू की जा रही है।
उन्होने कहा कि भारत में अब तक Direct benefit transfer के जरिए करीब साढ़े सत्रह लाख करोड़ रुपए सीधे लाभार्थियों के खातों में भेजे जा चुके हैं। आज केंद्र सरकार 3 सौ से ज्यादा योजनाओं का लाभ डीबीटी के माध्यम से लोगों तक पहुंचा रही है। लगभग 90 करोड़ देशवासियों को इसके तहत किसी ना किसी रूप में लाभ हो रहा है। राशन हो, एलपीजी गैस हो, इलाज हो, स्कॉलरशिप हो, पेंशन हो, मज़दूरी हो, घर बनाने के लिए मदद हो, ऐसे अनेक लाभ डीबीटी से मिल रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि e-Rupi वाउचर भी सफलता के नए अध्याय लिखेगा। इसमें हमारे बैंकों और दूसरे पेमेंट गेटवे का बहुत बड़ा रोल है। हमारे सैकड़ों प्राइवेट अस्पतालों, कॉर्पोरेट्स, उद्योग जगत, NGOs और दूसरे संस्थानों ने भी इसको लेकर बहुत रुचि दिखाई है। मेरा राज्य सरकारों से भी आग्रह है कि अपनी योजनाओं का सटीक और संपूर्ण लाभ सुनिश्चित करने के लिए e-RUPI का अधिक से अधिक उपयोग करें।
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