नई दिल्ली, 26 अक्टूबर | विश्व बैंक डूइंग बिजनेस की ताजा रपट में भारत की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं होने पर सरकार ने बुधवार को कहा कि उसके और उसके राज्यों द्वारा सुधार शुरू किए गए हैं, जो जारी वरीयता सूची में पर्याप्त ढंग से नहीं दर्शाए गए हैं। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैं थोड़ी निराश हूं। केवल भारत सरकार ही नहीं, बल्कि हर राज्य सक्रियता से लगा हुआ है और सभी चाहते हैं कि स्थिति आसान हो। लेकिन चाहे कोई भी कारण हो इसे पर्याप्त ढंग से रैंकिंग में नहीं शामिल किया गया है।”
उन्होंने कहा, “कुल मिलाकर टीम इंडिया बहुत काम कर रही है।”
कुल 190 देशों की इस प्राथमिकता सूची में भारत 130वें स्थान पर है। विश्व बैंक के डूइंग बिजनेस 2017 की रपट में इसका आकलन कई मानदंडों पर किया गया।
पिछले साल भारत 131वें स्थान पर था और मंगलवार को जारी सूची में उसकी स्थिति वर्ष 2017 के लिए एक रैंक सुधरी है।
सीतारमन ने कहा, “हमें यह संदेश देता है कि हम लोगों को अब से और ध्यान देना होगा और हम लोग जो कर रहे हैं, उसे ज्यादा तेजी से करना होगा।”
मंत्री ने यह भी कहा कि व्यापारिक अदालतों के गठन जैसे उठाए गए कदम हो सकता है कि विश्व बैंक की प्रणाली में नहीं गए होंगे, क्योंकि ये राज्य में अलग राज्यों एवं तारीखों पर हुए।
सीतारमन ने कहा, “कुछ कदमों को उठाने में समय लगता है, इसलिए कुछ खास सुधारों के असर होने में पर्याप्त समय लगता है, क्योंकि भारत एक बड़ा देश है।”
उन्होंने कहा, “वास्तव में मैं हतोत्साहित नहीं हूं, यह निराशाजनक है। यह ऐसा समय है जब आप चाहते हों कि केंद्र और राज्य सरकार के किए जा रहे हर उपाय दिखें।”
उद्योग संस्था एसोचैम ने कहा है कि हालांकि सरकार ने कानूनी ढांचे और नीति निर्धारण में कुछ नए बदलाव किए हैं, लेकिन इनका प्रभाव आम तौर पर देर से दिखता है।
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