मुंबई, 17 जून| ‘दन दना दन गोल’ और ‘बुद्धा इन अ ट्रैफिक जाम’ जैसी फिल्में बना चुके फिल्मकार विवेक अग्निहोत्री ने कहा है कि हिंदी फिल्मों में विषय-वस्तु से अधिक कलाकार मायने रखते हैं। यह पूछे जाने पर कि बॉलीवुड में विषय-वस्तु को पीछे क्यों रखा गया है? इस पर अग्निहोत्री ने कहा, “मुझे लगता है कि पिछले 10 सालों में, मैंने किसी को विषय-वस्तु की परवाह करते नहीं देखा।”
उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि विषय-वस्तु मायने रखती है। इससे अधिक कलाकार मायने रखते हैं। फिल्म निर्माता असहाय हैं। वे विषय-वस्तु नहीं थोपते।”
हाल ही में अग्निहोत्री की फिल्म ‘जुनूनियत’ शुक्रवार को रिलीज हुई। यह फिल्म प्रेम कहानी पर आधारित थी, वहीं उन्होंने कहा कि प्रेम-कहानी एक मुश्किल शैली है।
अग्निहोत्री ने कहा, “किसी का दिल छूना दुनिया का सबसे कठिन काम है। मुझे लगता है कि हमें अधिक प्रेम कहानियों की जरूरत है।”
अग्निहोत्री हालांकि निश्चित नहीं हैं कि वह दूसरी प्रेम कहानी बनाएंगे।
फिल्म ‘जुनूनियत’ में पुलकित सम्राट और यामी गौतम प्रमुख भूमिका में हैं।
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