शिमला , 12 फरवरी (जनसमा)। हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह नेराज्य की महिलाओं के कल्याण के लिए सरकारी पिटारा खोला है। देखना यह है कि आगे क्या कुछ होता है?
महिला कल्याण बोर्ड की पहली राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए हिमाचल के मुख्यमंत्री ने राज्य में महिला कल्याण के लिए शुरू किये जाने वाले कामों को जिस तरह रेखांकित किया उससे दाे बातें सामने आती हैं;
पहली वे राज्य में दूरदराज इलाकों तक महिलाओं के लिए अनेक सुविधाओं और उन्हे आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम करना चाहते हैं। दूसरा यह कि छठी बार दिसंबर 2012 में मुख्यमंत्री बनने के बाद भी राज्य में महिलाओं को वो हक और सहयोग नहीं मिला जो कई सालों पहले मिल जाना चाहिए था। इससे राजनीतिज्ञों की उदासीनता और प्रशासन की लापरवाही ही कहा जाएगा।
बहरहाल देर आए, दुरुस्त आए वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए यही कहा जासकता है कि अब भी प्रशासन मुख्यमंत्री के निर्देशों को मानकर कारगर कदम उठाए तो हिमाचल की मेहनतकश और संघर्षशील महिलाओं के जीवन में सुनहरी रोशनी आसकती हैं।
मुख्यमंत्री ने महिला कल्याण बोर्ड की बैठक में जो बातें कही व निर्देश दिए वह इसप्रकार हैं:
- लाहौल-स्पिति में स्त्री रोग एवं चिकित्सा विशेषज्ञों के पद भरने के निर्देश।
- कुल्लू और बद्दी के लिए दो और महिला पुलिस थाने।
- लाहौल-स्पिति के मुख्यालय केलंग में स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी पर संज्ञान लेते हुए शीघ्र इन पदों को भरा जाए।
- जनजातीय क्षेत्रों में कोई भी डाॅक्टर अथवा पैरा मेडिकल स्टाॅफ को तब तक पद भारमुक्त नहीं किया जाए, जब तक उसके बदले में उसका भारग्राही नहीं आ जाए।
- लाहौल-स्पिति जिले के प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कम से कम एक चिकित्सक का पद भरना सुनिश्चित किया जाए।
- कुल्लू तथा बद्दी मेंशीघ्र ही दो और महिला थाने खोले जाएं।
- सरकार चरणबद्ध तरीके से प्रत्येक जिले में महिला थाने खोलने के प्रयास कर रही है। हालांकि,महिलाओं की शिकायतों का निवारण करने के लिए प्रत्येक पुलिस स्टेशन में एक महिलाकांस्टेबल की तैनाती की गई है।
- पुलिस विभाग में उप-निरीक्षकोंके पदों पर महिलाओं को 20 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जा रहा है।
- महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा के मामलों को गंभीरता से निपटाने के निर्देश दिए और कहा कि यदि इस तरह का मामला सामने आता है, तो कानून पालकों तथा अन्य सम्बन्धित एजेंसियों द्वारा पीड़ित महिला को शीघ्र न्याय प्रदान किया जाए।
- राज्य के सभीजिलों में भारतीय महिला बैंक के लिए बैंक की आवश्यकतानुसार कार्यालय के लिए उपयुक्तस्थान तथा अन्य मदद का आश्वासन।
- सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक भारतीय महिला बैंक सीमित, जो यूपीएसरकार की एक सोच थी, महिला उद्यमियों को बिना किसी बैंक गारंटी के एक करोड़ रुपये की ऋण सुविधा प्रदान कर रहा है तथा गरीब एवं एकल महिला कीअन्य आवश्यकताओं जैसे रसोई ऋण, गाय खरीदने के लिए ऋण, बीएमबी परवरिश ऋण,ब्यूटी पार्लर खोलने के लिए भी ऋण उपलब्ध करवा रहा है।
- बैंक के प्रतिनिधियों से समस्तग्रामीण क्षेत्रों में बैंक की शाखाएं खोलने का आग्रह।
- समूचे प्रदेश में भारतीय महिला बैंक द्वारा महिलाओं के कल्याण की योजनाओं का प्रचार व प्रसार किया जाए।
- हिमाचल पथ परिवहन निगम तथा निजी बसों में 50 किलामीटर तक यात्रा पर महिलाओं के लिए 40 प्रतिशत सीटें आरक्षित
- इसके अतिरिक्त, महिलाओं, शारीरिक रूप से अक्षम और वरिष्ठ नागरिकों को परिवहन निगम की बसों में सीटें आरक्षित की गई हैं।