नई दिल्ली, 4 सितंबर | बॉलीवुड में अपने दम पर एक पहचान बनाने वाले अभिनेता कुणाल कपूर को राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक जयराज की फिल्म ‘वीरम’ में एक योद्धा की भूमिका में देखा जा रहा है।
राजधानी दिल्ली के सिरी फोर्ट स्टेडियम में शुक्रवार को ब्रिक्स फिल्मोत्सव का आगाज ‘वीरम’ की रिलीज से ही किया गया। अभिनेता का कहना है कि यह किरदार उनके अब तक के निभाए किरदारों में से सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण रहा।
कुणाल को पहली बार किसी दक्षिण भारतीय फिल्म में अभिनय करते देखा जा रहा है और वह अपने किरदार से काफी खुश हैं।
आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में जब कुणाल से ‘वीरम’ फिल्म में उनके किरदार के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “इस फिल्म में मेरा किरदार चंदू चेकावर का है, जो एक खलनायक है। जयराज ने काफी अच्छा काम किया है। मेरा किरदार शेक्सपियर के मकबैथ और मलयालम के इतिहास के लोकप्रिय योद्धा की मिली-जुली छवि है।”
कुणाल ने कहा, “चंदू एक ईमानदार और सच्चा इंसान है। जब उसके हाथों में ताकत आती है, तो वो ताकत उसे किस तरह भ्रष्ट करती है? यही सारी कहानी है।”
इस फिल्म के साथ उनके अनुभव के बारे में पूछे जाने पर कुणाल ने कहा, “मेरा अनुभव काफी बेहतरीन रहा। मैंने 16-16 घंटे तक इस फिल्म की शूटिंग की है। इसमें काफी मारधाड़ भी है। मैं पहली बार किसी मलयालम फिल्म में काम कर रहा हूं और आपको हर दिन ऐसे बेहतरीन निर्देशक के साथ काम करने का अवसर नहीं मिलता।”
शेक्सपीयर के नाटक ‘मेकबैथ’ पर आधारित इस फिल्म के लिए कुणाल ने छह माह तक कलारपायट्टू का प्रशिक्षण लिया, जो कि केरल राज्य की एक लोकप्रिय युद्धकला है।
अब तक के करियर में निभाए गए किरदारों में सबसे चुनौतीपूर्ण किरदार के बारे में पूछे जाने पर कुणाल ने कहा, “मेरे ख्याल से इस फिल्म में निभाया किरदार मेरे लिए सबसे चुनौतीपूर्ण है। इसके किरदार के कई पहलु हैं। इसके अलावा तीन भाषाओं में इसे निभा रहा हूं और मलयालम भाषा, जिसे पहले कभी बोला नहीं और सुना नहीं। इस तरह से यह किरदार मेरे लिए सबसे मुश्किल रहा।”
कुणाल को पहली बार किसी दक्षिण भारतीय फिल्म में अभिनय करते देखा जा रहा है। उनसे जब बॉलीवुड और टॉलीवुड फिल्मों के काम में किसी प्रकार के अंतर के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “मुझे किसी प्रकार का कोई अंतर देखने को नहीं मिला। मैं ऐसी फिल्मों में काम करना चाहता हूं, जहां लोगों के लिए फिल्म बेहद जरूरी हो और जिसके लिए वे पूरी लगन के साथ मेहनत कर रहे हों।”
कुणाल ने कहा कि अगर आप किसी जज्बे से भरे हिंदी फिल्म निर्देशक के साथ काम करें या किसी दक्षिण भारतीय फिल्म निर्देशक के साथ। दोनों के काम में कोई अंतर नहीं दिखेगा।
फिल्म जगत में अपनी पहचान बनाने के लिए कुणाल ने काफी संघर्ष किया। इस बारे में उनसे जब पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में संघर्ष होता है। हर जगह आपको मेहनत करनी होती है। हालांकि, मनोरंजन जगत में थोड़ी अधिक मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन अगर आप अपनी इसका आनंद लेते हैं और पूरी कोशिश के साथ आगे बढ़ते हैं, तो आपको सफलता जरूर मिलती है।
टेलीविजन में काम करने के अवसरों के बारे में पूछे जाने पर कुणाल ने कहा, “निश्चित तौर पर मैं टीवी में काम करना चाहूंगा। बड़े पर्दे और छोटे पर्दे में अब कोई खास अंतर नहीं रह गया है। अमिताभ बच्चन और अनिल कपूर जैसे दिग्गज अभिनेता टीवी में काम कर चुके हैं। अगर मुझे कोई अच्छा प्रस्ताव मिलता है, तो निश्चित तौर पर काम करूंगा।”
कुणाल से जब पूछा गया कि वह किस पुरानी फिल्म के रीमेक में काम करना चाहेंगे? उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि उस जमाने की फिल्मों का जो असर था और जादू था, उसे फिर दोबारा कायम किया जा सकता है। हालांकि, अगर ऐसा हो तो मैं ‘चुपके-चुपके’ फिल्म करना चाहूंगा।”
अभिनेता ने कहा कि वह ऋषिकेश मुखर्जी निर्देशित फिल्म ‘चुपके-चुपके’ में अमिताभ बच्चन का किरदार निभाना चाहेंगे।
जयराज द्वारा निर्देशित ‘वीरम’ अब तक की सबसे महंगी मलयालम फिल्म बताई जा रही है, जिसका बजट 20 करोड़ रुपये है।
–मोनिका चौहान
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