काराकस, 26 अक्टूबर। वेनेजुएला की नेशनल असेंबली ने लोकतंत्र का उल्लंघन करने के लिए राष्ट्रपति निकोलस मदुरो के खिलाफ महाभियोग शुरू करने के पक्ष में मतदान किया है।
‘द टेलीग्राफ’ के अनुसार, यह निर्णय देश भर में बड़े पैमाने प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन की पूर्व संध्या पर आया है, जबकि मदुरो की सरकार ने इसे निर्थक करार करते हुए खारिज कर दिया है।
नेशनल असेंबली ने मदुरों के खिलाफ महाभियोग चलाने और उन्हें पद से हटाने के लिए 19 अक्टूबर को एक जनमत संग्रह कराने की योजना बनाई थी, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने रोक दिया था।
इसके बाद विपक्षी गठबंधन ने कांग्रेस में अपनी शक्ति का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने के लिए आवाज उठाई।
मदुरो 24 अक्टूबर को वैटिकन गए, जहां पोप फ्रांसिस ने वेनेजुएला में विपक्षी गुटों को समझाने की कोशिश की। विपक्षी नेता जीसस टोरेलबा ने बाद में घोषणा की कि सरकार के साथ बातचीत की जाएगी।
लेकिन बुधवार को विपक्ष वेनेजुएला पर कब्जा के लिए अपने समर्थकों के साथ खड़ा हो गया और मदुरो की बर्खास्तगी की मांग की।
लेकिन नेशनल असेम्बली के जरिए मदुरो पर महाभियोग शुरू हो पाना असंभव है, क्योंकि मदुरो के नियंत्रण वाले सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि कांग्रेस द्वारा उठाया गया कदम तबतक निर्थक है, जबतक कि वोट खरीदने के दावों से संबंधित तीन राजनेतओं को हटा नहीं दिया जाता।
नेशनल असेंबली ने मदुरो को अगले मंगलवार एक सत्र में उपस्थित होने का आदेश दिया है। –आईएएनएस
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