हरिद्वार, 11 अप्रैल (आईएएनएस)| ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने एक बार फिर विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने यहां सोमवार को कहा कि शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं ने जबरन प्रवेश किया, इसलिए केरल के मंदिर में इतना भयानक हादसा हुआ। शंकराचार्य ने पत्रकारों से बातचीत में महाराष्ट्र में सूखे की स्थिति का कारण भी बताया। उन्होंने कहा कि साईं की पूजा करने की वजह से पानी का घोर संकट पैदा हुआ है।
फाईल फोटोः शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ।
स्वरूपानंद सरस्वती ने चेतावनी भी दी कि महिलाएं यदि शनि की पूजा करती हैं तो उनके साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ जाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि साईं और शनि की पूजा करने से ही महाराष्ट्र में जलसंकट गहरा गया है।
शंकराचार्य ने कहा कि शनि और साईं दोनों भगवान नहीं हैं। महाराष्ट्र में शनि और साईं की पूजा होने के कारण ही अकाल की स्थिति पैदा हो गई है।
उन्होंने कहा कि शिरडी में ही जहां साईं की कब्र है, वहां लोग पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं। यदि साईं में शक्ति है तो वहां चमत्कार करके दिखाएं। हिंदुओं को अंधविश्वास पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
शंकराचार्य ने कहा, “आज हर मंदिर में साईं की प्रतिमा रखकर हमारे देवी-देवताओं का अपमान किया जा रहा है। हमारे मंत्र, ग्रंथ, चालीसा आदि का भी उपहास उड़ाया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि महिलाओं को शनि और साईं की पूजा न कर उनका विरोध करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि स्वामी स्वरूपानंद साईं पूजा का विरोध बहुत पहले से कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने धर्म संसद भी बुलाई थी। शंकराचार्य का कहना है कि साईं हिंदू देवता नहीं हैं, इसलिए हिंदुओं को उनकी पूजा नहीं करनी चाहिए।
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