नई दिल्ली, 23 अक्टूबर | गुजरे जमाने की मशहूर अदाकारा शर्मिला टैगोर आज भले ही परिवार में तीसरी पीढ़ी का स्वागत करने की तैयारी में हैं, लेकिन उनका मन अभी भी युवा है, और वह फिर से युवा बनने की इच्छा रखती हैं। वह सबकुछ करना चाहती हैं, जो जीवन की आपा-धापी के बीच उनके हाथ से छूट गया है।
शर्मिला यहां शनिवार को एक ज्वैलरी शोरूम का उद्घाटन करने आई थीं। इस मौके पर उनसे पूछा गया कि उम्र के इस पड़ाव पर वह कौन-सा ऐसा किरदार निभाना चाहती हैं? उन्होंने आईएएनएस से कहा, “मैं युवा बनना चाहती हूं और एक बार फिर वही जीवन जीना चाहती हूं, जिसे मैंने जीया है, जो कुछ छूट गया है, उसे समेटना चाहती हूं।”
शर्मिला का युवा मन ज्वैलरी के प्रति उनके लगाव से स्पष्ट हो रहा था। शोरूम मालिकों ने उन्हें कोई पसंद की ज्वैलरी चुनने के लिए कहा, तो शर्मिला अपने आप को रोक नहीं पाईं। उन्होंने हीरे की एक आकर्षक डिजाइन पसंद की, जो सचमुच उन्हें किसी-न-किसी रूप में युवा बना रही थी। उन्होंने कहा, “यह बहुत अच्छी है। मैं भारी ज्वैलरी नहीं पहनती और जब मुझसे कहा गया कि इसमें से कुछ पहन लो तो मैंने देखा यह बहुत प्यारा है और इसकी डिजाइन भी अलग है।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे भी ज्वैलरी पहनना पसंद है, लेकिन मैं इसी तरह की ज्वैलरी पहनना पसंद करती हूं। इसे आसानी से पहना जा सकता है और जब आप आईने में इसे देखते हैं तो बेहद खूबसूरत लगते हैं। महिला होने नाते हम ज्वैलरी पसंद करते हैं और यह हमारे लिए खास है। हमें अच्छा और आकर्षक दिखना पसंद है।”
लेकिन आजकल लड़कियां साधारण जीवनशैली अपना रही हैं। ऐसे में ज्वैलरी कितना प्रासंगिक है? उन्होंने कहा, “यह एक तरह से निवेश होता है। लोग पैसे निवेश करने के लिए शेयर, प्रॉपर्टी खरीदते हैं। लोग शादी, दिवाली और रक्षा बंधन पर सोना खरीदते ही हैं। भारतीय लोग अब भी ज्वैलरी को निवेश की तरह देखते हैं।”
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता शर्मिला अन्य कलाकारों के विपरीत राजनीति, और विवादों से हमेशा दूर रहीं हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनातनी को लेकर पाकिस्तानी कलाकारों पर बॉलीवुड में प्रतिबंध के सवाल को वह टाल गईं। उन्होंने कहा कि “यह मौका कुछ और है, इस सवाल का नहीं।”
‘अराधना’, ‘अमर प्रेम’, ‘सफर’, ‘कश्मीर की कली’,’मौसम’, ‘तलाश’,’वक्त’,’फरार’, ‘आमने-सामने’ जैसी फिल्मों के लिए सराही जा चुकीं मशहूर अदाकारा से फिल्मों में उनके द्वारा अब तक निभाए गए सर्वाधिक पसंदीदा किरदार के बारे मे पूछा गया। इस पर उन्होंने कहा, “मुझे ‘अमरप्रेम’ का किरदार बहुत पसंद है। ‘आराधना’, ‘मौसम’, ‘सफर’ और ‘अनुपमा’ के अलावा भी बहुत-से किरदार बेहद आकर्षित करते हैं।”
आठ दिसंबर, 1946 को पैदा हुईं शर्मिला ने 27 दिसंबर, 1969 को भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान नवाब पटौदी से शादी की थी। लेकिन वर्ष 2011 में 70 वर्ष की आयु में पटौदी का निधन हो गया। वह फेफड़े के गंभीर संक्रमण से पीड़ित थे। शर्मिला आज अकेली हैं।
ऐसे में दीवाली के जश्न के बारे में शर्मिला ने कहा, “मैं पटौदी से दूर जा रही हूं। मैं जहां रहती हूं, वहां बहुत शोर होगा, और मैं थोड़ा सुकून चाहती हूं और पर्यावरण सुरिक्षत रखना चाहती हूं। मेरे पति का निधन फेफड़ों के रोग की वजह से हुआ और मैं इससे पीड़ित होना नहीं चाहती।”
देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मभूषण से सम्मानित शर्मिला का दीवाली को लेकर एक अलग नजरिया है। उन्होंने कहा, “मैं पैसों की बर्बादी पर विश्वास नहीं करती। हां, मैं त्योहार जरूर मनाऊंगी। दीपावली पर दीए जलाएंगे, पूजा करेंगे और एक-दूसरे से बातचीत करेंगे।”
शर्मिला की बेटी सोहा अली खान भी अभिनेत्री हैं। हाल ही में रिलीज हुई सोहा की फिल्म ’31 अक्टूबर’ के बारे में उन्होंने कहा, “यह बहुत ही महत्वपूर्ण फिल्म है। मैं इसके लिए शुभकामनाएं करती हूं। सेंसर बोर्ड की वजह से इसकी रिलीज में विलंब हुआ। यह बहुत ही प्रासंगिक विषय है और मैं चाहती हूं कि लोग फिल्म देखें और समझें। क्योंकि यह महत्वपूर्ण विषय है।” शर्मिला अक्टूबर 2004 से मार्च 2011 तक सेंसर बोर्ड की अध्यक्ष भी रह चुकीं हैं।
शर्मिला की बहू अभिनेत्री करीना कपूर दिसंबर मां बनने वाली हैं। शर्मिला परिवार में तीसरी पीढ़ी का स्वागत करने को लेकर उत्साहित हैं। वह कहती हैं, “हम बेसब्री से उस शुभ दिन का इंतजार कर रहे हैं। पहला बच्चा है, जो भी (लड़ा या लड़की) आ जाए हम उसका स्वागत करेंगे।”
शिखा त्रिपाठी===
(फाइल फोटो)
Follow @JansamacharNews