नई दिल्ली, 12 फरवरी (जनसमा)। गुरूवार को दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल में अपनी जिंदगी से जंग हार जाने वाले वीर जवान लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पड़ का शुक्रवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
फोटोः कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया मंत्रियों के साथ हुबली में लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पड़ को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए। (आईएएनएस)
गौरतबल है कि लांस नायक हनुमनथप्पा सियाचिन ग्लेशियर पर अपने 9 अन्य साथियों के साथ देश के लिए अपने कर्त्तव्य का पालन करते हुए हिमस्खलन में फंस गए थे। सेना द्वारा बचाव अभियान में हनुमनथप्पा के 9 साथियों की लाशें मिलीं लेकिन सियाचिन में छह दिन तक 25 फुट बर्फ के नीचे फंसे रहने का बाद लांस नायक हनुमंतप्पा को जिंदा निकाल लिया गया था किंतु वह बुरी तरफ से घायल हो चुके थे।
उसके बाद हनुमनथप्पा को दिल्ली में सेना के आर एंड आर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने शुक्रवार सुबह 11.45 पर आखिरी सांस ली। लांसनायक हनुमंतप्पा को दिल्ली में बरार स्क्वायर पर श्रद्धांजलि दी गई।
हनुमनथप्पा को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान की गई परन्तु गुरूवार को यह वीर जवान हम सबको गमगीन छोड़कर इस दुनिया चला गया। जब तक हनुमनथप्पा अस्पताल में भर्ती रहे, तब तक पूरा देश उनके ठीक होने की प्रार्थना करता रहा।
आज सुबह अंतिम दर्शनों के लिए उनके पार्थिव शरीर को हुबली के स्टेडियम में रखा गया था जहां लोगों का तांता लगा। गुरुवार को जवान का पार्थिव शरीर लेने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया गुरुवार को खुद एयरपोर्ट पहुंचे थे।
हुबली के बाद हनुमंतप्पा के शव को उनके उनके पैतृक गांव ले जाया गया जहां स्कूल ग्राउंड में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। राज्य सरकार ने शहीद के सम्मान में उनके परिवार की मदद के लिए 25 लाख रूपये नकद, 2 एकड़ की खेती लायक ज़मीन और पत्नी को सरकारी नौकरी देने का एलान किया है।
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