रायपुर, 27 फरवरी। महान क्रांतिकारी और सन् 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले छत्तीसगढ़ के अमर शहीद वीरनारायण सिंह की कर्मभूमि ’सोनाखान’ अब वास्तव में अपने नाम के अनुरूप पूरे भारत के लिए सोने की खदान साबित होने जा रही है। देश में सोने की खदान की पहली नीलामी आज छत्तीसगढ़ राज्य में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। इसमें बाघमारा (सोनाखान) गोल्ड माईन्स को सफलतापूर्वक ई-ऑक्शन किया गया।
आईबीएम विक्रय मूल्य रूपये 74,712 प्रति ट्राय ऑन्ज का 12.55 प्रतिशत बोली लगाकर, यह खान मेसर्स वेदान्ता लिमिटेड द्वारा प्राप्त किया गया है। इस खान की नीलामी से छत्तीसगढ़ राज्य को प्रचलित रॉयल्टी इत्यादि की आय के अतिरिक्त लगभग 81.39 करोड़ रूपये से अधिक की राशि प्राप्त होगी।
राज्य सरकार के खनिज साधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार बाघमारा सोने की खदान का विकास भारत में सोने के आयात को कम करने में भी महत्वपूर्ण होगा। इसके अन्वेषन और उत्खनन के कार्यों में छत्तीसगढ़ में रोजगार के व्यापक अवसर निर्मित होंगे। इसके साथ ही स्वर्ण आभूषणों के व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा।
अधिकारियों के अनुसार देश में स्वर्ण धातु हेतु कंपोजिट लाईसेंस (पूर्वेक्षण सह खननपट्टा) स्वीकृति का यह प्रथम मामला है। ज्ञातव्य हो कि छत्तीसगढ़ शासन, खनिज साधन विभाग द्वारा 18 फरवरी 2016 को जिला बलौदाबाजार के करही-चंडी लाईमस्टोन खान का एवं 19 फरवरी 2016 को जिला रायपुर के केसला लाईमस्टोन खान को सफलतापूर्वक नीलाम किया गया था। देश में प्रथम गैर कोयला खान नीलामी होने का श्रेय छत्तीसगढ़ को जाता है। प्रथम दो नीलामी की तरह, बाघमारा गोल्ड खान की नीलामी भी काफी आक्रामक रही।
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा जिला के पूर्वी क्षेत्र के लगभग 608 हेक्टेयर में फैला बाघमारा गोल्ड खान, रायपुर से लगभग 130 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व में स्थित है। इस गोल्ड खान का एक्सप्लोरेशन वर्ष 1981 एवं 1990 के मध्य, संचालनालय, भौमिकी तथा खनिकर्म, पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश द्वारा किया गया था। उक्त क्षेत्र में किया गया कार्य मिनरल्स (एविडेंस ऑफ मिनरल कंटेंट्स) रूल्स, 2015 के अनुसार जी-3 स्तर का होने के कारण इसे कंपोजिट लाईसेंस के रूप में नीलाम किया गया है। अब तक किये गये एक्सप्लोरेशन कार्य एवं उपलब्ध रिपोर्ट के मुताबिक क्षेत्र में 2700 किलो गोल्ड मेटल आंकलित किया गया है। कंपोजिट लाईसेंस के विजेता को खनन पूर्व उपलब्ध भंडार का जी-2 स्तर का आंकलन किया जाना होगा।
बाघमारा के सोने की खदान की नीलामी के लिए आईबीएम विक्रय मूल्य आधारित 1 प्रतिशत रिजर्व प्राईस रखा गया था तथापि नीलामी हेतु प्राप्त अधिकतम इनिशियल प्राईस ऑफर रिजर्व प्राईस का तीन गुना अर्थात् आईबीएम मूल्य का 3 प्रतिशत प्राप्त हुआ। उक्त उच्चतम प्राप्त 3 प्रतिशत इनिशियल प्राईस ऑफर, द्वितीय चरण के फारवर्ड ई-नीलामी हेतु फ्लोर प्राईस निर्धारित किया गया। दिनांक 26.02.2016 को संपन्न फारवर्ड ई-नीलामी में आईबीएम मूल्य रूपये 74,712 प्रति ट्राय ऑन्ज का 12.55 प्रतिशत उच्चतम बोली प्राप्त हुआ। ई-नीलामी 12 घण्टे से अधिक समय तक चली जिसमें 163 बिड डाले गये। उक्त खान की नीलामी से, रूपये 24.70 करोड़ रॉयल्टी के अतिरिक्त, राज्य शासन को रूपये 81.39 करोड़ ऑक्शन मनी के रूप में प्राप्त होगा।
अतः छत्तीसगढ़ को देश में गोल्ड कंपोजिट लाईसेंस की सफलतापूर्वक नीलामी करने वाला प्रथम राज्य का श्रेय प्राप्त होता है। मध्य भारत क्षेत्र में स्वर्ण धातु हेतु यह सबसे पुराना पूर्वेक्षित क्षेत्र रहा है जहां व्यावसायिक मात्रा में स्वर्ण भंडार होने का अनुमान है। क्षेत्र में प्राचीन खनन के चिन्ह भी विद्यमान है। राज्य द्वारा उक्त क्षेत्र की सफलतापूर्वक नीलामी प्रतिष्ठापूर्ण उपलब्धि है। नीलामी की सफलता का श्रेय माननीय मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, जिनके पास खनिज साधन विभाग का भी प्रभार है, के प्रभावी नेतृत्व में लिये गये त्वरित निर्णय को जाता है। ’’कार्य में सुगमता’’ (ऐज ऑफ डूइंग बिजनेस) – व्यवहारिक स्टाम्प ड्यूटी नीति, उर्जा एवं कुशल मानव संसाधन की उपलब्धता, लैंड बैंक की स्थापना, आदि संबंधी राज्य के प्रयासों के कारण देश में छत्तीसगढ़, निवेशकों के लिए एक पसंदीदा राज्य हैं।
फोटोः डीपीआरसीजी डॉट जीओवी डॉट इन
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