रायपुर, 24 अगस्त (जस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बुधवार को यहां पुलिस मुख्यालय में आयोजित राज्यों के पुलिस महानिरीक्षकों और जिला पुलिस अधीक्षकों की संयुक्त बैठक में प्रदेश की कानून व्यवस्था की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जनता में शांति और सुरक्षा का एहसास बढ़ाना, अपराधियों में खौफ बनाए रखना और आम नागरिकों की उम्मीदों पर खरा उतरना पुलिस की पहली जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस निश्चित रूप से अपने कर्तव्यों के प्रति सजग है, नक्सल मोर्चे पर भी हमारी पुलिस के जवान और अधिकारी बड़ी बहादुरी से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं और उन्होंने कई सफलताएं भी हासिल की हैं, लेकिन प्रदेश में समग्र रूप से वर्तमान पुलिसिंग व्यवस्था को और भी अधिक सुचारू बनाने के लिए इसमें काफी सुधार की भी जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले वर्ष 2015 में चिटफंड कम्पनियों के अवैधानिक कारोबार पर रोक लगाने के लिए कानून बनाया है, जिसका कठोरता से पालन किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने स्मार्ट पुलिसिंग की जरूरत पर विशेष रूप से बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में स्मार्ट पुलिसिंग के लिए पिछले वर्ष दिसम्बर माह में कच्छ में आयोजित राज्यों के पुलिस महानिदेशकों के राष्ट्रीय सम्मेलन में 36 सूत्रीय दिशा-निर्देश दिए गए थे। डॉ. रमन सिंह ने आज की राज्य स्तरीय बैठक में पुलिस को मानवीय दृष्टिकोण से जनता के प्रति संवेदनशील बनने और इसके साथ ही अपराधों की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाने के भी निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष स्मार्ट पुलिसिंग की अवधारणा पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि स्मार्ट पुलिसिंग में प्रधानमंत्री ने पुलिस के आधुनिकीकरण के साथ-साथ सतर्कता, जवाबदेही, विश्वसनीयता और जिम्मेदारी जैसे विषयों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।
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