नई दिल्ली, 6 जुलाई | देश के नए मानव संसाधन एवं विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि शिक्षा के स्तर में सुधार सबसे बड़ी चुनौती है। जावड़ेकर ने कार्यभार संभालने से पहले गुरुवार को कहा, “शिक्षा जीवन को अर्थ एवं मूल्य प्रदान करता है। आज सबसे बड़ी चुनौती शिक्षा के स्तर में सुधार करना है। हर अभिभावक बच्चे को स्कूल भेजने के लिए कठिन परिश्रम करता है। उनकी एकमात्र इच्छा यह होती है कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।”
फोटो: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 05 जुलाई, 2016 को राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के दौरान प्रकाश जावड़ेकर को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाते हुए।
उन्होंने कहा, “हमारा काम सार्थक शिक्षा प्रदान करना है और मुझे उम्मीद है कि हम हर किसी के सहयोग से इसे हासिल कर लेंगे। मोदी जी का शिक्षा को लेकर एक दृष्टिकोण है और हम इस दिशा में काम करेंगे।”
मंत्री ने कहा कि शिक्षा हर किसी के हृदय को छूती है और यह किसी जाति, पंथ या धर्म विशेष विशेष तक ही सीमित नहीं है।
उन्होंने कहा, “शिक्षा एक राष्ट्रीय एजेंडा है और यह हर घर तथा हर व्यक्ति के दिल को छूता है। गरीब अभिभावकों को अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए अधिक मेहनत करनी होती है, क्योंकि वे जानते हैं कि केवल शिक्षा के जरिये ही बदलाव लाया जा सकता है और यही वह चीज है जो हम हासिल करना चाहते हैं।”
देश के नए मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप में जावड़ेकर ने स्मृति ईरानी का स्थान लिया है, जिन्हें कपड़ा मंत्रालय दिया गया है। —आईएएनएस
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