नई दिल्ली, 13 अक्टूबर | कौशल विकास एवं उद्यमिता के केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने बुधवार को कहा कि शिक्षित व्यक्ति के मुकाबले एक हुनरमंद व्यक्ति के पास नौकरी के ज्यादा अवसर हैं।
मंत्री की यह टिप्पणी इसलिए आई है कि उनके मंत्रालय ने फ्रांस के शिक्षा मंत्रालय के साथ भारत और फ्रांस की कंपनियों में सहयोग बढ़ाने के लिए करार किया है। फ्रांस की कंपनी शिनाईजर इलेक्ट्रिक भारतीय युवाओं को कौशल का प्रशिक्षण दे रही है।
रूड़ी ने कहा, “हम लोगों को मौजूदा व्यवस्था को बदलनी है जिसमें हुनरमंद कार्यबल को इस वजह से तिरस्कार से देखा जाता है क्योंकि वे शिक्षा प्रणाली को छोड़ चुके होते हैं।”
एक प्रशिक्षित बिजली कामगार जो शिनाईजर का स्मार्ट टूलकिट लेकर अकड़कर चलता है वह इंजीनियरिंग की डिग्री वाले व्यक्ति से नौकरी पाने के ज्यादा लायक है।
रूड़ी ने कहा कि मोदी सरकार का सपना भारतीय युवाओं को इतना अच्छा हुनरमंद बनाने का है कि वे प्रति घंटे सौ डॉलर तक कमा सकें, जैसे हुनरमंद कामगार अमेरिका और यूरोप में कमाते हैं।
उन्होंने कहा, “यदि हम तकनीकी कौशल के अलावा आईटी, सॉफ्ट स्किल और कामकाज करने भर एक विदेशी भाषा की जानकारी को जोड़ दें तो हम लोग दुनिया के सबसे अच्छे कार्य बल हो सकते हैं। दुनिया की सबसे बड़ी विद्युत कंपनी के साथ साझीदारी उस दिशा में एक कदम है।”
शिनाईजर इलेक्ट्रिक फाउंडेशन और शिनाईजर इलेक्ट्रिक इंडिया फाउंडेशन सिखाने के लिए उपकरण दान में देंगे, प्रयोगशाला स्थापित करेंगे और कौशल विकास केंद्रों में प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित भी करेंगे। इनकी पहचान राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद (एनएसडीसी) और पावर सेक्टर स्किल काउंसिल (पीएसएससी) ने संयुक्त रूप से की है।
मंत्री ने कहा कि हमारे देश का सबसे अधिक ध्यान मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्मार्ट सिटीज जैसे राष्ट्रीय अभियानों पर है, इसलिए ऊर्जा, सौरऊर्जा और स्वचालन के क्षेत्रों में कुशल कार्य बल की बहुत अधिक जरूरत है। मेक इन इंडिया अभियान हुनमंद निर्माताओं के बगैर संभव ही नहीं है।
इससे पहले कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि चूंकि उद्योग नौकरी देने वाले हैं इसलिए उनका कौशल विकास के स्तर पर शामिल होना अत्यंत महत्वपूर्ण है।–आईएएनएस
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