प्रसिद्ध लोकनाट्य ‘करयाला’ एवं ‘धाजा’ विशेष तौर पर शामिल
शिमला, 21 मार्च। हिमाचल प्रदेश भाषा एवं संस्कृति विभाग तथा गेयटी ड्रामेटिक सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में शिमला के ऐतिहासिक गेयटी सांस्कृतिक परिसर में आगामी 27 मार्च तक प्रतिदिन एम्फी थियेटर में दोपहर बाद 3.30 बजे लोकनाट्यों तथा गौथिक हाॅल में सांय 5.30 बजे नाटकों का मंचन किया जा रहा है।
कार्यक्रमों का ब्यौरा देते हुए विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि 21 मार्च, 2016 को अपराह्न 3.30 बजे लोक कला संस्कृति मंच बिलासपुर द्वारा लोकनाट्य ‘धाजा’ जबकि सांय 5.30 बजे मकसद कल्चरल एवं बेलफेयर सोसायटी सिरमौर के कलाकारों द्वारा ‘सद्गति’ नाटक का मंचन किया जाएगा। 22 मार्च को चुडे़श्वर लोक नृत्य मण्डल जालग सिरमौर द्वारा ‘करयाला’ और उत्सव युनाईटेड थियेटर मण्डी के कलाकार ‘बेबश लाश’ नाटक का मंचन करेंगे। 23 मार्च को संवाद युवा मण्डल मण्डी द्वारा ‘बांठड़ा’ तथा केबीडीएस रंगमंच शिमला के कलाकारों द्वारा ‘आधे-अधूरे’ नाटक का मंचन किया जाएगा।
जनजातीय जिलों की लोक संस्कृति की झलक होगी आकर्षण का केन्द्र
इसी प्रकार 24 मार्च को जनजातीय जिला लाहौल स्पिति के कलाकार लोकनाट्य ‘बुछैण’ तथा त्रिवेणी कला संगम हमीरपुर के कलाकार ‘मेरा संघर्ष अधूरा रह गया’ नाटक की प्रस्तुति से दर्शकों का मनोरंजन करेंगे। 25 मार्च को बहस नाट्य एवं कला मंच कुल्लू द्वारा नाट्य ‘जिजीविशा’ तथा एक्टिव मोनाल कल्चरल एसोसियेशन कुल्लू द्वारा ‘सुन्नी भुंकू’ नाटक का मंचन किया जाएगा।
ब्रिजेश्वर करियाला मण्डल कुथड़ के कलाकार 26 मार्च को लोकनाट्य ‘करयाला’ तथा सांयकाल प्रणव थियेटर वियोण्ड थियेटर सोलन द्वारा ‘बरसी’ नाटक का मंचन किया जाएगा। 27 मार्च को देवी दुर्गा संस्कृति क्लब उरनी किन्नौर द्वारा लोकनाट्य ‘होरिफो’ जबकि धू्रव शिखर शिमला द्वारा सांयकाल ‘चैनपुर की दासतां’ नाटक प्रस्तुत किया जाएगा।
उन्होंने लोकनाट्यों एवं नाटकों के माध्यम से हिमाचल प्रदेश की समृद्व लोक संस्कृति से रू-ब-रू होने के लिये लोगों से गेयटी थियेटर में अधिक से अधिक संख्या में आने का आग्रह किया है।
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