शिवराज ने अंतर्राज्य परिषद की बैठक में दिये सुझाव

भोपाल, 16 जुलाई (जनसमा)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिये स्थापित नेशनल इंटेलीजेंस ग्रिड को सक्रिय करने का आग्रह किया है ताकि इस ग्रिड का लाभ राज्य के आसूचना तंत्र को भी मिल सके। उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि सोशल मीडिया का दुरूपयोग रोकने के लिये किसी संस्था को नोडल संस्था बनाया जाना चाहिये। इस संबंध में प्रोटोकॉल तय किया जाना चाहिये। शिवराज ने शनिवार को नई दिल्ली में अंतर्राज्य परिषद की ग्यारहवीं बैठक में अपने विचार रखे। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की।

फोटो : शिवराज सिंह चौहान 16 जुलाई, 2016 को नई दिल्ली में अंतर्राज्य परिषद की ग्यारहवीं बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से चर्चा करते हुए। 

शिवराज ने पुलिस आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत भवन मद में धनराशि उपलब्ध करवाने का भी अनुरोध किया है ताकि पुलिसकर्मियों के आवास गृहों का निर्माण जारी रहे। मुख्यमंत्री ने सेंट्रल पैरामिलेट्री फोर्स के गठन के संबंध में अग्रिम भुगतान की व्यवस्था को संशोधित करने की भी जरूरत बतायी। उन्होंने तर्क दिया कि कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिये कई बार अविलम्ब अर्द्धसैनिक बलों का गठन करना जरूरी होता है। वर्तमान व्यवस्था से इसमें विलम्ब होता है।

प्रदेश में आधार कार्ड के अधिकाधिक उपयोग के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी सेवाओं के प्रदाय में आधार नम्बर का उपयोग किया जा रहा है। वर्ष 2017 तक सभी हितग्राहीमूलक योजनाओं में आधार नम्बर जोड़ दिया जायेगा।

चौहान ने बैंकिंग करेस्पोंडेंट मॉडल को और अधिक प्रभावी बनाये जाने की जरूरत पर बल देते हुये कहा कि ग्रामीण अंचलों में बैंकों की सिविल शाखाएँ सीमित संख्या में होने और बैंकिंग करेस्पोंडेंट सुविधा नहीं होने से हितग्राहियों को परेशानी होती है। इस संदर्भ में श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में ’’आपकी पेंशन आपके द्वार’’ और ’चलित बैंकिंग’ के माध्यम से पेंशन वितरण’’ जैसी पहल शुरू हो गई है।’’

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा विश्वविद्यालय स्थापित करने का भी सुझाव देते हुए कहा कि इसके अंतर्गत सभी शिक्षा महाविद्यालयों को संबद्ध किया जा सकता है।चौहान ने परीक्षा और मूल्यांकन पद्धति में बदलाव लाने पर जोर देते हुए कहा कि कक्षा 5 और कक्षा 8 स्तर पर पुनः बोर्ड परीक्षा प्रारंभ किया जाना चाहिए।

शिवराज ने कहा कि निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम 2009 में बच्चों की फीस की प्रतिपूर्ति के अलावा अन्य खर्च की प्रतिपूर्ति भी की जाना चाहिये। मुख्यमंत्री ने विशेष प्रतिभा और प्रखर बुद्धि वाले बच्चों को राष्ट्र की श्रेष्ठ निधि बताते हुए कहा कि ऐसे बच्चों को प्रोत्साहन देने के लिये उच्चतर माध्यमिक स्तर पर राज्य-स्तरीय विशिष्ट प्रतिभा एवं प्रखर बुद्धि संस्थान की स्थापना में सहायता मिलना चाहिये।