श्रीनगर के पंत अस्पताल में दो शिशुओं को स्वास्थ्य की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन्हें इनके जैविक माता-पिता ने लावारिश छोड़ दिया था। यह तस्वीर 15 मार्च, 2016 को ली गई। फोटो : आईएएनएस
विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, शिशु मृत्युदर (आईएमआर) के मामले में भारत 13 अफ्रीकी देशों से भी पीछे है।
इन 13 अफ्रीकी देशों में पांच उत्तर अफ्रीकी अरब देश-लीबिया, मिस्र, मोरक्को, ट्यूनीशिया और अल्जीरिया हैं जो अपेक्षाकृत समृद्ध हैं। लेकिन मध्य और दक्षिण अफ्रीका के जो देश भारत से गरीब हैं वहां भी शिशु मृत्युदर (प्रति एक हजार जन्म पर मृत्यु) अच्छी है।
युद्ध से तबाह लीबिया की आईएमआर अफ्रीका में सबसे कम 12 है जो केरल के बराबर है। इसके बाद ट्यूनीशिया की आईएमआर 13 है। भारत में गोवा और मणिपुर की शिशु मृत्यु दर सबसे अच्छी 10 है। मध्य प्रदेश में शिशु मृत्युदर 56 है जो भारत में सबसे खराब है। गुजरात की शिशु मृत्युदर 38 और राजस्थान की शिशु मृत्युदर 49 है।
विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, मेडागास्कर और केन्या की शिशु मृत्युदर 38 है जो भारत की आईएमआर 42 से बेहतर है। इन दोनों देशों की प्रति व्यक्ति आय भारत की तुलना में कम है।
युगांडा की प्रति व्यक्ति आय भारत के मुकाबले करीब आधा है, लेकिन अफ्रीका का यह इकलौता देश है जिसकी शिशु मृत्युदर भारत के बराबर 42 है।
ये आंकड़े यह दर्शाते हैं कि भारत के स्वास्थ्य और मानव विकास के आलेख उसकी आर्थिक विकास दर से मेल नहीं खाते हैं।
कुछ अफ्रीकी देशों की शिशु मृत्युदर दुनिया में सबसे ज्यादा है, जैसे अंगोला की आईएमआर 110 और सोमालिया की 85 है।आईएएनएस
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