जयपुर, 22 अगस्त (जस)। राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने सोमवार को प्रदेश में शिशु मृत्यु दर को कम करने एवं शिशु आहार स्तर को सुदृढ़ कर कुपोषण को दूर करने के उद्देश्य से ’’मां’’ (मदर्स एब्सल्यूएट एफेक्शन) कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। यह कार्यक्रम 29 अगस्त से राजस्थान के सभी जिलों में प्रारंभ किया जायेगा।
राठौड़ ने एसएमएस कन्वेशन सेन्टर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में दीप प्रज्जवलित कर एवं पोस्टर सहित आईईसी सामग्री का विमोचन कर ‘‘मां’’ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने बताया कि 6 माह तक केवल स्तनपान एवं 5 वर्ष तक मां के दूध के साथ-साथ पोषक आहार पर ध्यान देकर शिशु मृत्यु में 19 प्रतिशत तक कमी लायी जा सकती है। श्री
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जन्मते ही बच्चों के लिए मां का दूध सर्वाधिक महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने बताया कि दस्त व निमोनिया 5 वर्ष से छोटे बच्चों की मृत्यु का मुख्य कारण है। मां के दूध पिलाने से शिशुओं में दस्त रोग से मृत्यु होने की संभावना 11 प्रतिशत व निमोनिया से 15 प्रतिशत तक कम हो जाती है। स्तनपान से कुपोषण से होने वाली मौतों से बचाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि ’’मां’’ कार्यक्रम में स्तनपान व शिशु आहार के संरक्षण के लिए सामुदायिक स्तर एवं चिकित्सा केन्द्र स्तर पर व्यापक वातावरण विकसित किया जायेगा। स्तनपान के महत्व को बढ़ाने के लिए आशा सहयोगिनियों एवं अन्य स्वास्थ्यकार्मिकों के सहयोग से गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं, उनके परिजनों सहित जनसमुदाय को स्तनपान के महत्व के बारे में जानकारी दी जायेगी।
राठौड़ ने बताया कि बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए विषेष प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि चित्तौडगढ़, बूंदी, बारां, टोंक, भरतपुर, अलवर, चूरू, व्याबर, भीलवाडा एवं बांसवाड़ा में 10 करोड़ की राशि से 10 मदर मिल्क बैंक स्थापित किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर एवं आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर में मदर मिल्क बैंक संचालित किये जा रहे हैं।
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