शुरू हो गई ‘क्लीन माई कोच’ सेवा

नई दिल्ली, 12 मार्च (जनसमा)। रेल बजट में की गई घोषणा के चंद दिनों के अंदर ही रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ‘क्लीन माई कोच’ सेवा की शुरूआत कर दी है। भारतीय रेल के सफाई अभियान स्वच्छ रेल, स्वच्छ भारत को आगे बढ़ाने के क्रम में रेल मंत्री ने शुक्रवार को क्लीन माई कोच की शुरुआत रेल भवन से नई दिल्ली/उत्तर रेलवे, मुंबई सेंट्रल/ पश्चिम रेलवे और लखनऊ जं./ उत्तर पूर्व रेलवे के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की।

रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि चूंकि रेल देश के प्रत्येक नागरिक से जुड़ी हुई है इसलिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि रेल अपने परिसरों में साफ वातावरण कायम रखे। इसके क्रम में गैर वातानुकूलित डिब्बों में भी डस्टबीन रखे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि रेल सीमाओं में बंधकर नहीं चलती इसलिए रेलवे परिसरों के आसपास सफाई रखना रेल प्रशासन और देश के नागरिकों की बराबर की जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि प्रयास होना चाहिए कि भारत का भ्रमण करने के लिए जो विदेशी पर्यटक यहां आते हैं वे भारतीय रेलों के बारे में शानदार स्मृतियों के साथ वापस लौटें। उन्होंने आगे कहा कि रेलवे डिजटलीकरण और स्व्‍च्छता और यात्री सुविधा, कोच डिजाइन यांत्रिक‍लॉन्ड्री, गाड़ी के भीतर प्रदान की जाने वाली सेवाओं, सोशल मीडिया इत्यादि क्षेत्रों में प्रगति कर रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि भविष्य में यात्रियों को और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी ताकि उनका यात्रा अनुभव बेहतर हो सके।

क्लीन माई कोच सेवा योजना के अनुरूप कोच में सफाई के लिए या‍त्री मोबाइल नम्बर 58888 पर एसएमएस कर सकते हैं। इसके अलावा यात्री एंडराइड अप्लीकेशन ‘Cleanmycoach Indian Railways’ का इस्तेमाल कर सकते हैं या वेब पेज  ‘cleanmycoach.com’ पर लॉग-इन करके आग्रह कर सकते हैं। यात्रियों के आग्रह की पावती के रूप में एक कोड के साथ उनके मोबाइल फोन पर एसएमएस जाएगा। इसके साथ ही एक संदेश सर्वर के जरिये उक्त रेल गाड़ी में चलने वाले हाउस कीपिंग स्टॉफ के मोबाइल पर भी भेजा जाएगा। इसमें या‍त्रियों का कोच नम्बर और बर्थ नम्बर दिया जाएगा।

इसके बाद हाउस कीपिंग स्टॉफ यात्रियों से संपर्क करेगा और सफाई के संबंध में यात्रियों की मांग पूरी करेगा। संतुष्ट हो जाने पर या‍त्री हाउस कीपिंग स्टॉफ को उक्त कोड नम्बर बताएगा। इसे एसएमएस के जरिये वापस भेजा जाएगा। इससे स्पष्ट हो जाएगा कि शिकायत दूर कर दी गई है। यदि या‍त्री संतुष्ट नहीं है तो वह कोड नहीं बताएगा और शिकायत को दूर किया हुआ नहीं माना जाएगा।

यह योजना भारतीय रेल के 43 डिविजनों में शुरू की जा रही है। इस पहल की औपचारिक शुरूआत के साथ इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान अन्य 24 डिविजनों से चालू होने वाली गाडि़यों में भी इसे लागू किया जाएगा।