शेखर कपूर शेक्सपियर के ऊपर लेकर आ रहे हैं सीरियल ‘विल’

सुभाष के. झा===

मुंबई, 14 जून | जानेमाने फिल्मकार शेखर कपूर एक नया टीवी सीरियल ‘विल’ लेकर आ रहे हैं जो कि युवा विलियम शेक्सपियर के कारनामों पर आधारित है। उन्होंने टीवी में काम करने के अपने अनुभवों के बारे में बात की।

प्र. टीएनटी चैनल के लिए सीरियल बनाने का अनुभव कैसा रहा?

उ. इस सीरियल का नाम ‘विल’ है। मैं इसके समूचे एपिसोड का निर्माता हूं। इस शो का बजट 7.5 करोड़ डॉलर है। हमें सीरिज 1 के कुल 9 एपिसोड बनाने हैं। अगर यह सफल रहा तो इसकी सीरिज 2 भी आएगी।

प्र. क्या आप सभी एपिसोड का निर्देशन करेंगे?

उ. किसी एक निर्देशक के लिए यह संभव नहीं है कि वह समूचे सीरियल का निर्देशन करे। लेकिन निश्चित रूप में मैं इसके कई एपिसोड का निर्देशन करूंगा, क्योंकि मैं इस सीरियल का निर्माता-निर्देशक हूं तो मैं सुनिश्चित करूंगा कि सभी एपिसोड की गुणवत्ता समान हो। हम एक सितंबर से शूटिंग शुरू कर देंगे और 1 जनवरी 2017 से दुनियाभर में इसका प्रसारण शुरू हो जाएगा।

प्र. उम्मीद है कि भारत में भी इसका प्रसारण होगा?

उ. बेशक, मैं ऐसा करूंगा।

प्र. जिस युवा अभिनेता लौरी डेविडसन ने शेक्सपियर की भूमिका निभाई है, वह प्रतिभा से भरपूर है?

उ. क्या आप जानते हैं मैंने उन्हें कहां पाया? एक एक्टिंग स्कूल में! मैं आपको बता दूं कि मेरे लिए अभिनेता की तलाश उतना ही कठिन रहा, जितनी मेहनत मैंने ‘एलिजाबेथ’ के लिए की थी।

प्र. टेलीविजन के लिए शूटिंग करना कितना अलग है?

उ. देखो, मैं एक फीचर फिल्म निर्देशक हूं। इसलिए इसमें हर कुछ किसी फीचर जितना ही भव्य है। हालांकि टेलीविजन का बजट उतना नहीं होता, जितना फीचर फिल्म का होता है, लेकिन मुझे इस माध्यम में भी उसी भव्यता से बनाने का मौका मिला जितनी फिल्में होती हैं। मैं आपसे वादा करता हूं कि आप जब इस सीरिज को देखेंगे तो आप इसे किसी मायने में फीचर फिल्म से कमतर नहीं पाएंगे। ‘विल’ किसी 10 करोड़ रुपये के फिल्म जितनी भव्य है।

प्र. क्या इस परियोजना के लिए आपको अद्भुत टीम मिली है?

उ. हां, एक दिन हमलोग साथ बैठे और मैंने महसूस किया कि हमारे बीच 18 ऑस्कर विजेता हैं। हर कोई अपनी प्रतिभा दिखा रहा है। यही कारण है कि इसका टेलीविजन के लिए बनाया गया पायलट एपिसोड किसी फीचर फिल्म की तरह दिखता है। मेरे पास दुनिया के सर्वोच्च कौशल वाले लोग हैं और हमने चार महीने इसकी तैयारी की है। मैं ऐसा भारत में नहीं कर पाता।

प्र. क्यों?

उ. अगर मैं यहां बड़े पैमाने पर बनाने की तैयारी करूं तो हर कोई शूटिंग में लगने वाले दिनों की बात करने लगेगा।           –आईएएनएस

(फाइल फोटो)