भोपाल, 8 अक्टूबर (जस)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शौर्य स्मारक देशभक्ति की प्रेरणा का स्त्रोत बनेगा। यहाँ आने वालों को भारतीय सैनिकों के शौर्य का परिचय मिलेगा। इससे नागरिकों को गौरव का अहसास होगा। उनमें देशभक्ति, देशप्रेम और कर्तव्यनिष्ठा के भाव जागेंगे। शनिवार को यहाँ चौहान ने स्मारक की व्यवस्थाओं की समीक्षा की और संपूर्ण स्मारक परिसर का निरीक्षण किया तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री को बताया गया कि शौर्य स्मारक लोकार्पण के लिए पूरी तरह तैयार है।
शिवराज ने कहा कि देश की स्वतंत्रता के बाद शहीदों की स्मृति में बनने वाला यह पहला स्मारक है। अभी जो स्मारक है, वे वॉर मेमोरियल हैं। यह शहीदों के शौर्य की स्मृतियों का स्मारक है। यहाँ इसका अहसास होगा कि कितनी कठिन परिस्थितियों में हमारे सैनिक सीमाओं की रक्षा करते हैं।
स्मारक में शौर्य की गाथा को संजोने का प्रयास किया गया है। मानव सभ्यता के आदिकाल से आधुनिक काल के युद्धों के दृश्य प्रदर्शित किए गए हैं। स्तंत्रता पश्चात होने वाले युद्धों के लगभग 70 फोटोग्राफ्स भी लगे हैं। स्मारक में आंगुतकों को सियाचीन की कठिन परिस्थितियों का अहसास होगा। सेना के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपतियों और तीनों सेनाओं के अध्यक्षों के छविचित्र लगाए गए हैं। वीरता और शौर्य से भरी कविताएँ भी उकेरी गई हैं। एक 60 सीटर थियेटर भी है जिसमें शौर्यपूर्ण लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा।
स्मारक में जीवन का अहसास करवाने, मृत्यु और मृत्यु के परे जीवन की संकल्पनाओं का अनुभव करवाने का प्रयास किया गया है। युद्ध की आवाजों के दृश्य संयोजित किए गए हैं। शौर्य स्तम्भ निर्माण की संकल्पना मृत्यु पर विजय है। स्तम्भ के नीचे लाल बिन्दु रक्त का प्रतीक है। सर्वोच्च पर सफेद जीवन को दर्शित करता है। शौर्य स्तम्भ के पीछे स्वतंत्र भारत के वीरगति प्राप्त करने वाले प्रदेश के शहीदों के नाम अंकित किए गए हैं। शौर्य स्तम्भ में निरंतर जलने वाली ज्योति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रज्जवलित की जायेगी। प्रधानमंत्री 14 अक्टूबर को स्मारक देशवासियों को लोकार्पित करेंगे।
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