कोलकाता, 21 जुलाई | पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर देश का संघीय ढांचा ध्वस्त करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यो का भी श्रेय खुद ही ले रहे हैं। कोलकाता में एक विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने गुजरात में दलित युवकों के उत्पीड़न की कड़े शब्दों में निंदा की और पूरे देश में हर चीज को भगवा रंग देने की लगातार बढ़ रही कोशिशों और गौरक्षा संगठनों की बढ़ती संख्या के प्रति आगाह किया।
मोदी सरकार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय जैसी केंद्रीय जांच एंजेसियों को खुली छूट देने का आरोप भी लगाया और कहा कि इसके कारण 80,000 उद्योग धंधे देश छोड़कर चले गए।
तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता ने कहा, “केंद्र सरकार हर चीज में हस्तक्षेप कर रही है। वह संघीय ढांचे को नष्ट कर रहे हैं। हमारी सरकार भी चुनी हुई सरकार है और संविधान में केंद्र और राज्यों की भूमिका स्पष्ट की गई है। लेकिन वे हमारे कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं और लगातार हमें धमका रहे हैं।”
ममता ने आगे कहा, “केंद्र सरकार की त्रुटिपूर्ण नीतियों के कारण राज्यों को बदहाली की राह पर धकेला जा रहा है। केंद्र सरकार को यह बात अच्छी तरह याद रखनी चाहिए कि राज्यों के कारण ही केंद्र का अस्तित्व है।”
आम जनता के ‘चयन के अधिकार’ पर बल देते हुए ममता ने ‘हर चीज को भगवा रंग देने’ की कोशिश को लेकर आगाह किया।
बनर्जी ने कहा, “हम गुजरात में दलित युवकों के उत्पीड़न की कड़ी निंदा करते हैं। गौरक्षा के नाम पर वे सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।”
बनर्जी ने दृढ़ता के साथ कहा कि पश्चिम बंगाल में इस तरह की किसी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “मुझे यह भी पता चला है कि भाजपा से जुड़े तत्व यहां बंगाल में लोगों से पूछ रहे हैं कि उनके पास कितनी गायें हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर ऐसी कोशिश बंगाल में होती है तो हम उसे जरा भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। लोगों के पास चयन का अधिकार है। चंद लोग यह तय नहीं कर सकते कि दूसरे लोग क्या खाएं, पहने यां पढ़ें।”
प्रधानमंत्री की कुछ महत्वाकांक्षी योजनाओं, जैसे ‘स्वच्छ भारत’ पर निशाना साधते हुए ममता ने आरोप लगाया कि केंद्र की अधिकांश योजनाओं के लिए सहायता राशि या तो रोक दी गई है या राज्यों का अधिभार बढ़ा दिया गया है।
ममता ने कहा, “राज्य सरकार विकास के कार्य कर रही है, लेकिन मोदी उन सारे विकास कार्यो का श्रेय खुद ही ले रहे हैं। मोदी लगातार स्वच्छ भारत योजना की बात करते रहते हैं, लेकिन कहां आई स्वच्छता? सिर्फ विज्ञापनों में ही स्वच्छता दिखाई दे रही है।”
भाजपा द्वारा आदर्श ग्राम योजना के तहत हासिल उपलब्धियां गिनाए जाने की आलोचना करते हुए ममता ने कहा कि केंद्र सरकार की 39 के करीब योजनाओं के लिए केंद्र ने मदद राशि रोक दी है, जबकि 59 अन्य योजनाओं में राज्य का योगदान 10 फीसदी से बढ़ाकर 90 फीसदी कर दिया गया है।
कई नेताओं द्वारा तृणमूल कांग्रेस पर लगाए गए 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान केंद्र में सरकार बनाने की महात्वाकांक्षा के आरोप पर ममता ने जोर देकर कहा कि उनकी कभी भी प्रधानमंत्री बनने की इच्छा नहीं रही, हालांकि उन्होंने त्रिपुरा में अपना सरकार बनाने के प्रति विश्वास व्यक्त किया।
ममता ने कहा, “हम चाहते हैं कि क्षेत्रीय पार्टियां फले-फूलें, हम चाहते हैं कि देश का संघीय ढांचा मजबूत हो। कई लोगों का कहना है कि ममता प्रधानमंत्री बनना चाहती हैं। लेकिन नहीं, मैं बंगाल में अपनी झोपड़ी में रहना चाहती हूं और लोगों के लिए काम करना चाहती हूं। हम त्रिपुरा में सरकार बनाने जा रहे हैं।”
उल्लेखनीय है कि त्रिपुरा में नौ अगस्त को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
–आईएएनएस
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