नई दिल्ली, 6 अक्टूबर | सैन्य अभियानों के पूर्व महानिदेशक विनोद भाटिया ने गुरुवार को जोर देते हुए कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार में कभी सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुआ और पिछले सप्ताह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा किया गया सर्जिकल स्ट्राइक अपनी तरह का पहला अभियान है।
साल 2012-2014 तक डीजीएमओ रहे भाटिया ने दूरदर्शन से कहा, “इस तरह का अभियान हमने पहले नहीं किया। वे सर्जिकल स्ट्राइक नहीं थे, बल्कि सैन्य कार्रवाई थी, जो नियंत्रण रेखा से कुछ मीटर अंदर बेहद छोटे पैमाने पर की गई थी। लेकिन तब उसे आप बॉर्डर स्ट्राइक्स नहीं कह सकते थे।”
भाटिया की टिप्पणी कांग्रेस के उन दावों के बाद आई है, जिसमें उसने कहा है कि संप्रग सरकार के दौरान साल 2011 से 2014 के बीच तीन बार सर्जिकल स्ट्राइक हुए।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को कहा, “अतीत में हमारी सेना ने कई मौकों पर सफलतापूर्वक इस तरह के सर्जिकल स्ट्राइक किए थे, खासकर एक सितंबर, 2011, 28 जुलाई, 2013 तथा 14 जनवरी, 2014 को। इस दौरान दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया गया था।”
कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.चिदंबरम ने भी हाल में दावा किया था कि संप्रग के कार्यकाल में साल 2013 में सर्जिकल स्ट्राइक किया गया था।
भाटिया ने कहा कि 29 सितंबर को तड़के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के लॉन्च पैडों पर भारतीय सेना द्वारा किया गया सर्जिकल स्ट्राइक ‘अचूक’ था जिसने भारत की मजबूत इच्छा शक्ति को दर्शाया।
उन्होंने कहा, “सर्जिकल स्ट्राइक का इच्छित परिणाम मिला और सबसे महत्वपूर्ण है कि इसने भारत की मजबूत इच्छाशक्ति व संकल्प को दर्शाया।”
पूर्व डीजीएमओ ने कहा, “इसका श्रेय भारतीय सेना को जाता है। सर्जिकल स्ट्राइक के डीजीएमओ (लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह) के दावे पर सवाल भी उठे कि यह हुआ है या नहीं। कृपया डीजीएमओ पर सवाल मत उठाइए या सेना को ठेस मत पहुंचाइए।”
जनरल (सेवानिवृत्त) भाटिया ने कहा, “विशेष अभियानों को कभी प्रकाशित नहीं किया जाता है। किसी भी देश ने अबतक ऐसा नहीं किया है।”–आईएएनएस
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