न्यूयार्क, 26 सितम्बर | विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगी, जिसमें कश्मीर के उड़ी में सेना के शिविर में 18 सितंबर को हुए आतंकवादी हमले को प्रमुखता से उठाए जाने की उम्मीद है। वह अपने संबोधन के जरिये पाकिस्तान को एक ‘आतंकवादी देश’ घोषित करने के लिए वैश्विक सहयोग का आह्वान कर सकती हैं। उम्मीद की जा रही है कि सुषमा अपने भाषणा के जरिये उड़ी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शनिवार को कोझिकोड में दिए गए पहले सार्वजनिक बयान को आगे बढ़ाएंगी, जिसमें उन्होंने आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान की निंदा करते हुए चेतावनी दी कि पड़ोसी मुल्क को ‘आतंकवादी देश’ के तौर पर अलग-थलग कर दिया जाएगा।
मोदी ने कहा था, “पाकिस्तान के हुकमरान सुनें। हमारे 18 जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। भारत आपको अलग-थलग करने में सफल रहा है। हम आपको दुनिया में अकेले रहने के लिए बाध्य कर देंगे। वह दिन दूर नहीं है जब पाकिस्तान की जनता अपने हुकमरानों के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी और आतंकवाद से मुकाबला करेगी।”
सुषमा से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के संयुक्त राष्ट्र में दिए गए पूर्व के संबोधन का माकूल जवाब दिए जाने की भी उम्मीद है। उम्मीद की जा रही है कि वह संयुक्त राष्ट्र महासभा के ‘प्रत्युत्तर के अधिकार’ के तहत नवाज के भाषण का जवाब देंगी।
भारतीय राजनयिक ईनम गंभीर ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के भाषण का जवाब देते हुए अपने तीन मिनट के भाषण में कहा था कि पाकिस्तान आतंकवाद को एक नीति के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए युद्ध अपराध का दोषी ठहराया जा सकता है। उन्होंने पाकिस्ता को ‘आतंक की पाठशाला’ भी कहा था।
गंभीर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में सोमवार को सुषमा का संबोधन भी इतना ही स्पष्ट व सख्त होने की संभावना है। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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